UP में फिर शुरू हुई DGP बनने की रेस, इन 4 अधिकारियों के नाम लिस्ट में सबसे आगे
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UP में फिर शुरू हुई DGP बनने की रेस, इन 4 अधिकारियों के नाम लिस्ट में सबसे आगे

योगी के करीबी माने जाने वाले डीएस चौहान का उत्तर प्रदेश पुलिस के नए मुखिया बनाए जाने को लेकर दावेदारों में पहला नंबर माना जा रहा है. डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वह 15 फरवरी 2020 से लेकर वर्तमान समय में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं...

UP में फिर शुरू हुई DGP बनने की रेस, इन 4 अधिकारियों के नाम लिस्ट में सबसे आगे

UP DGP: बीते गुरुवार उत्तर प्रदेश सरकार ने 1988 बैच के आईपीएस देवेंद्र सिंह चौहान को डीजीपी अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी सौंपी है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने पत्र जारी करते हुए कहा कि नए डीजीपी के चयन प्रक्रिया तक यूपी पुलिस के विभागाध्यक्ष यानी डीजीपी के पद की जिम्मेदारी डीएस चौहान निभाएंगे. डीएस चौहान मौजूदा समय में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. इसके अलावा, उनके पास उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक का पद भी है.

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कौन हैं देवेंद्र सिंह चौहान?
फिलहाल, योगी के करीबी माने जाने वाले डीएस चौहान का उत्तर प्रदेश पुलिस के नए मुखिया बनाए जाने को लेकर दावेदारों में पहला नंबर माना जा रहा है. डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वह 15 फरवरी 2020 से लेकर वर्तमान समय में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. इनकी रिटायरमेंट मार्च 2023 में है. डॉ. चौहान के पास उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक का भी कार्यभार है.

यह दावेदार भी डीजीपी के लिए
गौरतलब है कि यूपी के DGP मुकुल गोयल को बुधवार रात हटा दिया गया. योगी सरकार के इस फैसले के साथ ही नए DGP के लिए रेस शुरू हो गई है. इस रेस में 4 अफसरों का नाम हैं. पहला नाम उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राज कुमार विश्वकर्मा का है. दूसरे नंबर पर DG प्रशिक्षण आरपी सिंह और तीसरे नंबर पर DG, CBCID गोपाल लाल मीणा का हैं. इन सबके अलावा, एक और नाम इस दौड़ में है DG जेल आनंद कुमार का. योगी सरकार जल्द ही इनमें से तीन नाम की लिस्ट अगले DGP की मंजूरी के लिए केंद्र को भेज सकती है.

1987-88 बैच का IPS बनेगा DGP
सरकार के सभी मानकों पर खरा उतरने के साथ अगले DGP बनने के लिए सीनियॉरिटी के मानक को पूरा करना होगा. प्रदेश सरकार 1987-88 बैच के अफसरों में से DGP को चुन सकती है. इनके नाम को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा. फिर, संघ लोक सेवा आयोग मानक के हिसाब से 3 वरिष्ठ IPS अफसरों को चुनेगा. इसमें से किसी एक को DGP नियुक्त किया जाता है.

हालांकि, यह माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के रूप में परमानेंट तौर पर डीएस चौहान का ही नाम सबसे ऊपर होगा. क्योंकि 2023 तक उनका कार्यकाल है और यूपी जैसे बड़े सूबे में जो भी पुलिस महानिदेशक बनता है उसे यूपी समझने के लिए कम से कम 6 महीने से अधिक का वक्त चाहिए. यही वजह है कि आरके विश्वकर्मा हो या फिर जीएल मीना हो या आरपी सिंह, सभी के कार्यकाल को भी देखा जाएगा. यह भी कहा जा रहा है कि एक आईपीएस अफसर की फाइल बंद है, जिस पर विचार नहीं होगा. ऐसे में डीएस चौहान का नाम ही सबसे आगे रहेगा.

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