अखिलेश को ठेंगा दिखा भाजपा के पाले में जा बैठे गाजीपुर जिले की सैदपुर सीट के विधायक सुभाष पासी
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अखिलेश को ठेंगा दिखा भाजपा के पाले में जा बैठे गाजीपुर जिले की सैदपुर सीट के विधायक सुभाष पासी

UP Assembly Elections 2022: गाजीपुर में समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किलें आना तय, क्योंकि इस क्षेत्र में पासी का तगड़ा जनाधार है...

अखिलेश को ठेंगा दिखा भाजपा के पाले में जा बैठे गाजीपुर जिले की सैदपुर सीट के विधायक सुभाष पासी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने के सिलसिले में मंगलवार को एक और बढ़ोतरी हो गई. समाजवादी पार्टी के गाजीपुर जिले की सैदपुर विधानसभा सीट से विधायक सुभाष पासी ने अखिलेश यादव को झटका देते हुए भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. सुभाष पासी और उनकी पत्नी रीना पासी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं. उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें सदस्यता दिलवाई। इस बीच अपनी किरकिरी होती देख समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सुभाष पासी को निष्कासित करने की जानकारी प्रसारित कर दी. सुभाष पासी के अलावा सपा से उन्नाव की मोहान सीट से दो बार विधायक रहे प्रदीप पासी और कई कार्यकर्ता पदाधिकारियों के भी भाजपा में प्रदेश की जानकारी है.
  पासी के भाजपा में जाने की जानकारी जैसे ही सपा हाईकमान को लगी. आनन-फानन उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और इसकी जानकारी ट्विटर पर पोस्ट कर दी गई. पढ़ें ट्वीट...  

कैसे थामा भाजपा का दामन
सुभाष पासी ने हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. उस दौरान ही उनके भाजपा में प्रवेश की बात पर सहमति बन गई. भाजपा मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद सुभाष पासी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। समाजवादी पार्टी में मुझे वह सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था.  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कार्यक्रम में फिर से अखिलेश यादव पर हमला किया.  उन्होंने कहा कि  सपा के मुखिया अखिलेश कभी कभी ऐसी बात बोल देते हैं जिससे देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की आत्मा भी झकझोर जाती है.  वह महान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का काम करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान और योगदान दिया था.

सुभाष पासी ने 2017 के पिछले चुनावों में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यासागर सोनकर को मात दी थी. उस चुनाव में भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंके हुए थी, फिर भी पासी को हरा नहीं सकी थी. पासी के तगड़े जनाधार को देखते हुए भाजपा को नया वोट बैंक मिलने की उम्मीद की जा सकती है. पासी की पत्नी रीना पासी जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. पासी साल 2012 में भी विधायक थे. जानकारी मिली है कि सुभाष अपने साथ सपा के कई सारे ब्लाॅक प्रमुख, कार्यकर्ता, पदाधिकारी जिला पंचायत सदस्य आदि को भी भाजपा में शामिल करा रहे हैं.

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महत्वपूर्ण सीट से सपा को कौन जिताएगा
पासी के जाने के बाद समाजवादी पार्टी के लिए गाजीपुर में मुश्किलें आना तय हैं. यहां की सैदपुर विधानसभा पर 1996 के बाद से बीजेपी कभी नहीं जीती है. पिछले चार चुनावों में दो-दो बार सपा और बसपा के प्रत्याशियों ने विजयश्री का वरण किया, पर अब पासी के भाजपा में शामिल होने से भाजपा के मौके अच्छे होते दिख रहे हैं.

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