उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन नियम में बदलाव, जानें क्या होगा नया
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उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन नियम में बदलाव, जानें क्या होगा नया

अभी तक ऐसी व्यवस्था चल रही थी कि कर्मचारी की प्रमोशन के लिए डीपीसी उसके आखिरी 10 सालों की सर्विस में 72 महीने से ज्यादा की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां पूरी होने पर ही पात्रता सूची में शामिल अधिकारियों का वर्गीकरण किया जाता है...

प्रतीकात्मक फोटो.

लखनऊ: यूपी सरकार ने गवर्नमेंट सर्विसेस में होने वाले प्रमोशन के नियमों में बदलाव किया है. बताया जा रहा है कि अब प्रमोशन के लिए आखिरी 5 साल में 36 महीने की गोपनीय प्रविष्टि पूरा होना आवश्यक है. इसके कंप्लीट न होने पर प्रमोशन के बारे में नहीं सोचा जा सकता. आरके तिवारी (मुख्य सचिव) ने इस बारे में सभी विभागों को आदेश दे दिए हैं.

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सभी विभागों की सेलेक्शन कमेटी को आदेश
सरकार की तरफ से सभी विभागों को निर्देश जारी किया गया है कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिए डिपार्टमेंट सेलेक्शन कमेटी कर्मचारी के पिछले 10 सालों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियों (Annual Confidential Entries) के आधार फैसला लेते समय यह जरूर देखें कि आखिरी के 3 साल की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां जरूर पूर्ण हों. अगर ऐसा नहीं होता है, तो प्रमोशन नहीं मिल सकता.

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पहले था यह नियम
बता दें, इसे लेकर सभी विभागों में शासनादेश जारी कर दिए गए हैं. अभी तक ऐसी व्यवस्था चल रही थी कि कर्मचारी की प्रमोशन के लिए डीपीसी उसके आखिरी 10 सालों की सर्विस में 72 महीने से ज्यादा की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियां पूरी होने पर ही पात्रता सूची में शामिल अधिकारियों का वर्गीकरण किया जाता है. ऐसा न होने पर प्रमोशन के लिए सेलेक्शन नहीं होता.

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