किसानों का मुद्दा हाथ से गया तो अब वरुण गांधी ने उठाया UPTET paper मामला
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किसानों का मुद्दा हाथ से गया तो अब वरुण गांधी ने उठाया UPTET paper मामला

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार और केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर वरुण गांधी (Varun Gandhi) कुछ इस तरह हमले बोलते रहे हैं, जिनसे लगता है कि वे सरकार से जबरन उलझने के मूड में तो नहीं हैं.

योगी आदित्यनाथ सरकार पर वरुण गांधी के बयान बाण जारी.

लखनऊ.  सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने अपनी ही पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर, योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार और केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर जुबानी व शब्दों के हमले करने का क्रम जारी रखा हुआ है. अभी तक वे किसानों और कृषि कानूनों के मामले पर ही बयान देकर भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते रहते थे, पर अब उन्होंने  उत्तर प्रदेश टीईटी-2021 का पेपर (UP TET paper) इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने पर योगी आदित्यनाथ सरकार सरकार को घेरा है. 
उन्होंने ट्विटर पर लिखा- 'पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो जाते हैं. परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में पूरी परीक्षा ही रद्द हो जाती हैं.  रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं. सेना में भर्ती का भी वही हाल है. आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?
उनके इस रुख से सियासी जगत में यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब वरुण के हाथ में किसानों का मुद्दा नहीं रहा तो फिर किसी और विषय को आधार बनाकर वह केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के साथ ही उत्तर प्रदेश की सरकार पर हमले बोलने लगे हैं. आखिर वे अपनी खुन्नस को किसी न किसी तरीके से निकाल रहे  हैं. 

कहीं उलझने के मूड में तो नहीं 
वरुण गांधी इससे पहले भी अपनी ही सरकार पर कुछ ऐसे हमले बोलते रहे हैं, जिनसे लगता है कि वे सरकार से जबरन उलझने के मूड में तो नहीं हैं. देखें एक नजर - 

  • जब मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लिया तो वे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के सुर में सुर मिलाते हुए बोले कि ये कानून पहले निरस्त होते तो 700 से अधिक किसानों की जान नहीं जाती. 
  • वरुण के  प्रमुख मुद्दों में से एक गन्ने के मूल्य पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गन्ने के दाम बढ़ाए, फिर भी वरुण गांधी ने  एक और मांग कर डाली कि बोनस के तौर पर पचास रुपये और बढ़ाकर गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल किया जाए. 
  • उन्होंने लखीमपुर हिंसा मामले में भी सरकार से सवाल पूछे थे और स्पष्ट तौर पर विरोध में खड़े दिखे.  वे जगह-जगह किसानों के पास पहुंच जाते और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून बनाने की मांग करते रहते. कहीं कहीं तो वे अपनी सरकार को आगाह करने के और चेताने के अंदाज में मीडिया से मुखातिब होते. 
  • वरुण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखा था.  इसमें लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में फंसे केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ पर सरकार द्वारा तत्काल कार्रवाई करने की मांग की. 
  • हाल ही में उन्होंने एक अंग्रेजी समाचार पत्र में भारत के लोगों पर बढ़ते ऋण, बेरोजगारी की समस्या, ऊंची मुद्रास्फीति  जैसे विषयों पर एक आर्टिकल लिखकर सरकार को घेरा और उसकी नीतियों पर सवाल उठाया था. 

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