प्रदेश में करीब 02 लाख 35 हजार किसान ऐसे पाए गए हैं, जिनकी फसल हालिया अतिवृष्टि/बाढ़ के कारण खराब हो गई. कृषि और राजस्व विभाग के सर्वेक्षण के बाद शासन ने करीब 77 करोड़ 88 लाख रुपये जारी कर जल्द से जल्द किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं.
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लखनऊ: बारिश के चलते धान व गन्ना आदि फसलों के हुए नुकसान का आंकलन पूरा हो गया है. प्रदेश में करीब 02 लाख 35 हजार किसान ऐसे पाए गए हैं, जिनकी फसल हालिया अतिवृष्टि/बाढ़ के कारण खराब हो गई. कृषि और राजस्व विभाग के सर्वेक्षण के बाद शासन ने करीब 77 करोड़ 88 लाख रुपये जारी कर जल्द से जल्द किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं.
शुक्रवार को उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने फसल क्षतिपूर्ति आकलन की प्रगति की समीक्षा की. अपर मुख्य सचिव, राजस्व मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि बाढ़ और अतिवृष्टि से कृषि फसलों को हुए नुकसान का आकलन पूरा हो गया है, 35 जिलों में 02 लाख 35 हजार 122 किसान ऐसे चिन्हित हुए हैं, जिनकी कृषि उपज बाढ़ अथवा भारी बारिश के चलते खराब हुई है. मुआवजे के एवज में इन किसानों को 78 करोड़ 88 लाख की धनराशि दी जाने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा.
सबसे ज्यादा देवरिया के किसान हुए प्रभावित
उन्होंने बताया कि सर्वाधिक 37,848 प्रभावित किसान देवरिया जिले के हैं, जबकि सबसे कम नुकसान श्रावस्ती जिले में हुआ है. सीएम ने कहा कि एक भी पात्र किसान क्षतिपूर्ति से वंचित न रहे. जल्द से जल्द सभी की क्षतिपूर्ति करा दी जाए.
सीएम योगी ने कहा कि बीते 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच भी कई जिलों में भारी वर्षा हुई है. इस दौरान भी फसलों पर बुरा असर पड़ा है. ऐसे में तत्काल सर्वे कराकर जहां भी मानक से अधिक फसल खराब हुई है, संबंधित किसानों को मुआवजा दिया जाए. सीएम के निर्देश के बाद राजस्व विभाग ने इन तीन दिनों में फसलों के खराब होने का आंकलन करने बाबत आदेश जारी कर दिया है.
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