उत्तराखंड: शुक्रवार को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट, जानिए क्या है इसकी मान्यता
Advertisement

उत्तराखंड: शुक्रवार को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट, जानिए क्या है इसकी मान्यता

भगवान के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं को सबसे पहले अखंड ज्योति के दर्शन होंगे

उत्तराखंड: शुक्रवार को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट, जानिए क्या है इसकी मान्यता

पुष्कर चौधरी/ चमोली (उत्तराखंड): वैदिक मंत्रोचारण के साथ ही श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट कल सुबह ब्रह्ममुहूर्त में 4:15 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे. भगवान के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं को सबसे पहले अखंड ज्योति के दर्शन होंगे. कपाट खुलने के दिन भगवान् बदरीनाथ के दर्शन बिलकुल अलग होते हैं. ऐसे दर्शन भगवान् बदरीनाथ के मंदिर में महज दो दिन ही हो पाते हैं जिसके साक्षी मात्र वही श्रद्धालुजन होते हैं जो कपाट खुलने पर और कपाट बंद होने पर बदरीनाथ पहुंचते हैं. पहले दिन भगवान् बद्रीनाथ की पूजा अर्चना श्रींगार कुछ भी नहीं होता है केवल दर्शनों में मुख्यत अखंड ज्योति और भगवान् बदरीनाथ के निर्वाण दर्शन होते हैं.

जिसे देखने का मुख्य महत्व होता है कपाट खुलने के बाद दिन भर मंदिर खुला रहता है और भोग के समय भी मंदिर बंद नहीं होता है जबकि 6 माह तक बदरीनाथ जी का मंदिर दोपहर में भोग लगने के बाद 3 घंटों के लिए बंद होता है. ब्रह्ममुहूर्त में 4:15 बजे कपाट खोलने के बाद श्रद्धालु यहां दर्शन कर सकेंगे. 

मान्यता है कि शीतकाल में देव ऋषि नारद द्वारा भगवान की पूजा होती रही है और कपाट खुलने के बाद से अगले छः माह यानी कपाट बंद होने तक  भगवान की पूजा श्री बद्रीविशाल के प्रधान पुजारी रावल जी और धर्माधिकारी तथा वेदपाठीयों द्वारा की जाएगी.

गौरतलब है कि कपाट खुलने पर अब यहां कपाट बंद में छह माह से जल रही अखंड ज्योति के दर्शन किए जा सकेंगे पहले दिन अखंड ज्योति के दर्शनों भारी संख्‍या में श्रद्धालु धाम पहुंचते हैं. अखंड ज्योति  6 माह कपाट बंद के बाद से यहाँ पर जलती रहती है जबकि कपाट खुलने पर मानवों द्वारा इसे अखंड रखा जाता है लेकिन कपाट बंद के बाद भी यह जलती रहती है और कपाट खुलने पर सबसे पहले श्रधालुओं को यही दर्शन देखने को मिलता है.

इसी लिए कहा जाता है की यहाँ 6 महीने देवताओं के द्वारा नारद जी द्वारा पूजा की जाती है, कपाट खुलने के समय रातभर कड़कड़ाती ठंड के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है. लोग लाइनों में लगकर अपनी बारी का इन्तज़ार करते हैं और जय बदरीविशाल के उदघोश के साथ बने रहते हैं.

वहीं इस बार बद्रीनाथ जी के रास्ते मे श्रद्धालुओं को बर्फ व ग्लेशियर भी देखने को मिलेगा 
धाम में मंदिर समिति व प्रशासन के मुताबिक श्रद्धालुओं के लिए मूल भूत सुविधाओं में भी कोई कमी नहीं होगी, तथा बदरीनाथ हाईवे पर पड़ने वाले भूस्खलन जोन पर पुलिस व एसडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे.

Trending news