सरकारी स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू करने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य
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सरकारी स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू करने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य

एसआईटी व आरओटी के माध्यम से टू-वे सीमलैस इन्टरएक्टीविटी द्वारा देहरादून स्थित 4 सेंट्रल स्टूडियो से प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को जोड़ा जा रहा है.

वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से छात्रों को कैरियर व गाइडेन्स भी प्रदान किया जा सकता है, जो उनके भविष्य के लिए लाभदायक होगा.

देहरादून: उत्तराखंड के 500 राजकीय विद्यालय में अब वर्चुअल क्लास के जरिये बच्चों को पढ़ाया जाएगा. इसके जरिये राज्य के करीब 1 लाख 90 हजार बच्चे लाभान्वित होंगे. पहले चरण में राज्य के 13 जिलों के करीब 500 स्कूलों में माध्यमिक के छात्रों को वर्चुअल क्लासेस में पढ़ाया जाएगा. इसके लिए देहरादून में एक स्टूडियो बनाया गया है, जहां पर विषय विशेषज्ञ शिक्षक बैठेंगे और वो स्कूलों से जुड़े रहेंगे.

एसआईटी व आरओटी के माध्यम से टू-वे सीमलैस इन्टरएक्टीविटी द्वारा देहरादून स्थित 4 सेंट्रल स्टूडियो से प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को जोड़ा जा रहा है. उत्तराखंड स्कूली शिक्षा में वर्चुअल क्लासरूम प्रोजेक्ट शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है. शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में वर्चुअल क्लास का उद्घाटन किया. मौजूदा वक्त में 150 विद्यालयों को पूरी तरह से जोड़ा जा चुका है. अगले 15 दिनों में शेष 350 चिन्हित विद्यालयों को भी जोड़ दिया जाएगा.

इस परियोजना का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में तकनीक के माध्यम से शिक्षा में सुधार किया जा रहा है. बजट 2010-11 से उपलब्ध था, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया. समय पर निर्णय न लिए जाने से लाखों बच्चे इससे वंचित रह गए. हमने इस पर निर्णय लिया और आज उत्तराखंड स्कूली शिक्षा में वर्चुअल क्लास शुरू करने वाल पहला राज्य बन गया है. इससे जहां किसी विषय विशेषज्ञ के अध्यापक नहीं हैं, वहां वर्चुअल क्लास के माध्यम से उस विषय की पढ़ाई कराई जाएगी. इससे लगभग 1 लाख 90 हजार बच्चे लाभान्वित होंगे. केंद्र सरकार से राज्य को भरपूर सहयोग व सहायता मिलता है. सीएम ने कहा ये हम पर निर्भर है कि हम किस प्रकार से अच्छे प्रस्ताव बनाकर भेजते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखा जाएगा कि विद्यालय समय के बाद स्कूल भवन का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है. वर्चुअल क्लास का उपयोग एकेडमिक पढ़ाई के साथ ही कैरियर परामर्श, प्रतियोगिताओं की तैयारी, साक्षरता, मोटिवेशन क्लास में करने की सम्भावना देखी जाएगी. सीएम ने सचिव विद्यालयी शिक्षा को इसके लिए निर्देशित किया.

वर्चुअल क्लासरूम कार्यक्रम, समग्र शिक्षा के अन्तर्गत सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी) के तहत संचालित है. वर्तमान में 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में संचालित किया जाएगा. वर्चुअल क्लासरूम में सैटेलाईट इन्टरएक्टिव टर्मिनल (एसआईटी) तथा रिसीव ऑन्ली टर्मिनल (आरओटी) के माध्यम से टू-वे सीमलैस इन्टरएक्टीविटी द्वारा देहरादून स्थित 04 सेंट्रल स्टूडियो से प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को जोड़ा जा रहा है. वर्चुअल क्लासरूम तकनीक नवीनतम तकनीक है. यह स्मार्ट क्लासरूम व आईसीटी लैब से आधुनिक है. सेन्ट्रलाईज्ड स्टूडियो के माध्यम से विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षा 6-12 तक के विभिन्न विषयों की पढ़ाई संचालित की जाएगी. वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से परीक्षाओं की तैयारी की जा सकेगी.

वर्चुअल क्लासरूम के माध्यम से छात्रों को कैरियर व गाइडेन्स भी प्रदान किया जा सकता है, जो उनके भविष्य के लिए लाभदायक होगा. अल्मोड़ा के 52, बागेश्वर के 10, चमोली के 45, चम्पावत के 15, देहरादून के 46, हरिद्वार के 10, नैनीताल के 61, पौड़ी के 82, पिथौरागढ़ के 40, रूद्रप्रयाग के 21 और टिहरी के 52 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम की स्थापना की जा रही है.

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