उत्तराखंड: कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित, उठने लगे बगावती सुर
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उत्तराखंड: कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित, उठने लगे बगावती सुर

प्रदेश कार्यकारिणी की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थक हरीश धामी का नाम शामिल होने पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई है.

उत्तराखंड: कांग्रेस की नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित, उठने लगे बगावती सुर

राम अनुज/देहरादून: कांग्रेस पार्टी ने तीन साल के अंतराल के बाद आखिरकार प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है. 22 प्रदेश उपाध्यक्ष, 31 महामंत्री के साथ कुल 245  पदाधिकारियों को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि कांग्रेस पार्टी एक विचारधारा है और इसमें सभी कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में जगह नहीं दी जा सकती है. लेकिन, पार्टी की कोशिश है कि जिन कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिली है. उनके साथ भी आपसी तालमेल बनाकर पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी सरकार की नाकामियों को लेकर जल्द ही सड़कों पर उतरने का काम करेगी और 2 साल तक कांग्रेस पार्टी जन मुद्दों को लेकर आंदोलन करेगी.

कार्यकारिणी की घोषणा होते ही गुटबाजी आई सामने
प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा होते ही गुटबाजी भी सामने आ गई है. प्रदेश कार्यकारिणी की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थक हरीश धामी का नाम शामिल होने पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई है और हैरानी भी जाहिर की है. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकारिणी में आखिर हरीश धामी का नाम कैसे शामिल हो गया. क्या यह कोई भूल है या कोई साजिश है. उनका कहना है कि वह इस मुद्दे को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री से शिकायत करेंगे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी इसकी शिकायत करेंगे.

कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है. हरीश धामी का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थक माने जाते हैं. जिस तरह से कार्यकारिणी के गठन के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सवाल उठाया है, इससे एक बात तो साफ है कि गुटबाजी अब छुपाने से छिप नहीं रही है.

आने वाले दिनों में दिख सकते हैं कांग्रेस में बगावती तेवर
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भले इस बात का दावा किया है कि एकजुटता के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी की जाएगी. लेकिन जिस तरह से उन्होंने हरीश धामी का नाम लेकर इस बात का विरोध किया है कि आखिर उनका नाम कार्यकारिणी में कैसे शामिल हो गया है. ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी में अब गुटबाजी जल्दी थमने वाली नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदयेश और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय इस मामले में चुप बैठने वाले नहीं हैं. 

वे भी इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साध सकते हैं. फिलहाल जिस तरह से कांग्रेस पार्टी अभी कार्यकारिणी के गठन के बाद उलझ रही है तो ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में कई तरह के और राजनीतिक हलचल देखने को मिल सकती है. 

कांग्रेस पार्टी में क्या हो पाएगी एकजुटता 
2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी भले ही एकजुटता के साथ मैदान में उतरने का दावा कर रही हो.  लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी केवल 11 सीटों पर जीत हासिल कर सकी. चुनाव में 33 फ़ीसदी उसे मत मिला था जबकि 57 सीटों के साथ भाजपा 46 फ़ीसदी मत को हासिल किया था. ऐसे में भारी मतों का अंतर और कम सीटों पर पार्टी की जीत और साथ में बगावती तेवर और पार गुटबाजी कांग्रेस पार्टी को कहां ले जाएगी. ऐसे में क्या कांग्रेस पार्टी वाकई एकजुट हो पाएगी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व को क्या पार्टी के पदाधिकारी को एकजुट हो पाएंगे. जिस तरह से कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी नजर आ रही है. ऐसे में 2022 कांग्रेस पार्टी के के लिए फतेह करना टेढ़ी खीर से कम नहीं लगता है.

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