उत्तराखंड: हरक सिंह रावत को CM बनते देखना चाहते हैं कांग्रेसी, क्या होगी घर वापसी !
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand546077

उत्तराखंड: हरक सिंह रावत को CM बनते देखना चाहते हैं कांग्रेसी, क्या होगी घर वापसी !

हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा सत्र के दौरान एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश और पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने कहा था कि हरक सिंह रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना चाहिए. 

हरक सिंह रावत ने कहा कि जब मेरे सीएम बनने का अवसर था, तब किसी ने मेरा साथ नहीं दिया.

देहरादून, मयंक राय: उत्तराखंड भले ही छोटा प्रदेश हो, लेकिन राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बना रहता है. कुछ ऐसा ही आज-कल प्रदेश की सियासत में भी चल रहा है, जिसमें कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनके पुराने साथियों के बीच बढ़ती नजदीकी चर्चा का विषय बनी हुई है. 2016 का राजनीतिक घटनाक्रम सभी को याद होगा. ये वही वक्त था जब कांग्रेस की सत्ता जाते-जाते रह गई थी. पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं ने अचानक भाजपा का दामन थाम लिया था. 

उस दौरान इसे प्रदेश के राजनितिक इतिहास का सबसे बड़ा उलटफेर कहा गया. उस वक्त तो लगा कि कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी, लेकिन राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हरीश रावत ने अपने राजनीतिक अनुभव के चलते सत्ता हाथ से जाने नहीं दी. हां ये जरूर है कि उनकी पार्टी के कुछ खास लोग दूर हो गए. माना गया इस उलटफेर में सबसे बड़ी भूमिका हरक सिंह रावत की है लेकिन, वही हरक सिंह रावत अब कांग्रेस के लोगों को खूब रास आ रहे हैं. 

सीएम बनते देखना चाहते हैं कांग्रेसी 
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा सत्र के दौरान एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश और पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने कहा था कि हरक सिंह रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना चाहिए. लंबे राजनितिक करियर में सीएम की कुर्सी पर बैठने की इच्छा रखने वाले हरक सिंह रावत नंबर टू तक ही पहुंच पाए. कभी विजय बहुगुणा ने बाजी मार ली, तो कभी प्रदेश में सत्ता की शीर्ष कुर्सी हरीश रावत के हाथ लगी. कहीं से भी चुनाव जीतने का माद्दा रखने वाले हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री नहीं बन सके.

वक्त रहते तो साथ दिया नहीं
कभी अधिकारियों की मनमानी तो कभी सरकार द्वारा खुद की न सुने जाने को लेकर अकसर खफा रहने वाले हरक सिंह रावत का दर्द कई बार सामने आ चुका है. जी मीडिया से बात करते हुए सूबे के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश उनकी बड़ी बहन के समान हैं और पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह उनके भाई. ऐसे में अगर उनके द्वारा मुझे सीएम बनाए जाने की बात की जा रही है, तो दोनों का आभार है. हालांकि रावत ने यह भी कहा कि जब मेरे सीएम बनने का अवसर था, तब किसी ने मेरा साथ नहीं दिया.

नेताओं की कमी है मजबूरी 
कांग्रेस में बड़े नेताओं के नाम पर केवल हरीश रावत, इंदिरा ह्रदयेश और प्रीतम सिंह ही बचे हैं. सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, हरक सिंह, कुंवर प्रणव चैंपियन, रेखा आर्य, विजय बहुगुणा सरीखे कद्दावर नेता बीजेपी में हैं. कई गुटों में बंटी कांग्रेस के लिए हरक सिंह रावत से बढ़ रही नजदीकी के कई मायने लगाए जा रहे हैं. अगर हरक सिंह रावत कांग्रेस में वापस आते हैं, तो पार्टी को गढ़वाल में काफी मजबूती मिलेगी. वहीं, हरक सिंह रावत के लिए एक बार फिर से सीएम की रेस मे शामिल होने का मौका मिलेगा. 

Trending news