उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार कर रही है ये तैयारी
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उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार कर रही है ये तैयारी

उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड में राज्य के मंदिरों की देखभाल और पुरोहित समाज को कई सुविधाएं देने का प्रावधान किया है. 

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार कर रही है ये तैयारी

नई दिल्ली: उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. उत्तराखंड को देवभूमि कहने के पीछे कई कारण हैं. दरअसल, यहां केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम स्थापित हैं. इन धामों को 'छोटा चार धाम' भी कहा जाता है. त्रिवेंद्र सिंह रावत की राज्य सरकार की पहल पर हाल ही में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Uttarakhand Devsthanam Board) को मंजूरी मिल गई है.

त्रिवेंद्र रावत सरकार ने राज्य के सभी मंदिरों को एकरूपता देने और चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड बनाकर सुविधाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है. त्रिवेंद्र रावत सरकार का मानना है कि उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड बनने से चार धाम यात्रा को और अधिक बेहतर तरीके से संचालित किया जा सकेगा. 

उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड में राज्य के मंदिरों की देखभाल और पुरोहित समाज को कई सुविधाएं देने का प्रावधान किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड बनने के बाद से राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा. आपको बता दें कि चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है.  11700 करोड़ रुपए की इस चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना का शिलान्यास पीएम मोदी ने 2017 में उत्तराखंड चुनाव से ठीक पहले किया था. 

वहीं, अगर बात करें उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड की तो, इसमें राज्य के चारों धाम और 51 अन्य मंदिर शामिल हैं. बोर्ड द्वारा इन मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जाएंगी. त्रिवेंद्र रावत सरकार धार्मिक पर्यटन पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सिंगल प्वाइंट अरेंजमेंट की व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रही है. 

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