प्रमोशन में आरक्षण: त्रिवेंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ीं, GEN-OBC कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान
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प्रमोशन में आरक्षण: त्रिवेंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ीं, GEN-OBC कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान

राज्य कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार प्रमोशन में आरक्षण समाप्त नहीं करती वे अपने आंदोलन से वापस नहीं लौटेंगे.

सांकेतिक तस्वीर.

देहरादून: पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे को लेकर उत्तराखंड सरकार की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं. प्रमोशन में आरक्षण हटाने की मांग को लेकर जनरल तथा ओबीसी कर्मचारियों ने 2 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है. जनरल और ओबीसी कर्मचारियों की शनिवार को अहम बैठक हुई जिसमें उन्होंने अनिश्चितका​लीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया. जनरल और ओबीसी कर्मचारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला आ चुका है. ऐसे में राज्य सरकार को प्रमोशन में आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए. 

3 मार्च से शुरू हो रहा है उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र
राज्य कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार प्रमोशन में आरक्षण समाप्त नहीं करती वे अपने आंदोलन से वापस नहीं लौटेंगे. आपको बता दें कि आगामी 3 मार्च से उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में कर्मचारियों की हड़ताल राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती बन सकती है. पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने, पदोन्नतियां तत्काल खोलने और सीधी भर्ती के रोस्टर में छेड़छाड़ न करने की मांग पर 2 मार्च से प्रस्तावित हड़ताल के लिए जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने घोषणा पत्र जारी किया है.

2 मार्च से हड़ताल पर जाएंगे राज्य के जनरल-ओबीसी कर्मचारी
उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि अब प्रदेश में चल रहा आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर भी तेज होता जा रहा है. भारतीय समानता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम नागराजा सहित यूपी, एमपी सहित कई प्रदेशों के शीर्ष कर्मचारी नेता देहरादून में इकट्ठा हुए.

इन्होंने जनरल और ओबीसी कर्मियों के आंदोलन को मजबूत करने और इसके लिए देशभर में ज्यादा समर्थन जुटाने पर चर्चा की. जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने जो घोषणा पत्र जारी किया है उसे भरकर तमाम विभाग, कर्मचारी और संगठनों के पदाधिकारी हड़ताल को समर्थन देते हुए घोषणा करेंगे. 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था प्रमोशन में आरक्षण पर ये बड़ा फैसला
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को फैसला देते हुए कहा था कि राज्य सरकारें प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि प्रमोशन में आरक्षण को मूल अधिकारों में शामिल नहीं किया जा सकता है.

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