उत्तराखंड सरकार ने मांगी भ्रष्ट और लापरवाह सरकारी कर्मचारियों की लिस्ट, जानिए पूरा मामला
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर विभाग अपने कार्मिकों के बारे में डिटेल तैयार कर रहा है.
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देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के उस फैसले को उत्तराखंड शासन ने अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है. जिसमें सरकारी विभागों के अक्षम व अदक्ष कार्मिकों की रिपोर्ट मांगी गई है. मुख्य सचिव के निर्देश पर सभी विभागों को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद, ऐसे कार्मिकों का ब्यौरा तैयार करने को कहा गया है जो काम में अदक्ष या फिर अक्षम हैं.
दरअसल, सरकारी विभागों और कर्मचारियों की कार्यशाली में सुधार लाने के लिए उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory retirement) के तहत राज्य सरकार हर विभाग से उसके कार्मिकों का ब्यौरा तलब कर रही है. गौर करने वाली बात ये है कि बहुत से विभागों में प्रक्रिया शुरु हो चुकी है, लेकिन कुछ ऐसे विभाग भी हैं, जहां पर इस प्रक्रिया की शुरुआत भी नहीं हुई है. शासन ने ऐसे सभी विभागों को जल्द स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक कर ब्यौरा देने को कहा है. इसके बाद शासन विचार करेगा कि अक्षम कार्मिकों को सुधार के लिए एक और मौका दिया जाए या फिर सीधा अनिवार्य सेवानिवृत्ति के तहत घऱ भेज दिया जाए.
इस पूरी कवायद पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर विभाग अपने कार्मिकों के बारे में डिटेल तैयार कर रहा है. सूची तैयार होने के बाद विचार किया जाएगा कि आगे क्या करना है. हालांकि, सरकार के इस फैसले के खिलाफ कार्मिकों में विरोध के स्वर भी उठ रहे हैं.
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