उत्‍तराखंड में एडवेंचर टूरिज्‍म के लिए सरकार लाएगी नई पॉलिसी, हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
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उत्‍तराखंड में एडवेंचर टूरिज्‍म के लिए सरकार लाएगी नई पॉलिसी, हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

उत्‍तराखंड हाईकोर्ट ने जून में लगाई थी राज्‍य में एडवेंचर स्‍पोर्ट्स पर रोक.

उत्‍तराखंड सरकार लाएगी एडवेंचर स्‍पोर्ट्स के लिए नई नीति. (फाइल फोटो)

नैनीताल : उत्‍तराखंड में हाईकोर्ट की ओर से वाटर स्‍पोर्ट्स पर लगाई गई रोक के बाद अब राज्‍य सरकार नई नीति लाने की योजना बना रही है. उत्‍तराखंड सरकार के वित्‍त मंत्री प्रकाश पंत ने इसके संकेत दिए हैं. शनिवार को नैनीताल दौरे पर पहुंचे प्रकाश पंत ने कहा कि एडवेंचर टूरिज्‍म के माध्‍यम से रोजगार की संभावनाएं उत्‍पन्‍न करना सरकार की पहली प्राथमिकता है. उनके अनुसार इसका रिजल्‍ट जल्‍द ही धरातल पर दिखेगा.

शनिवार को नैनीताल पहुंचे प्रकाश पंत ने हाईकोर्ट द्वारा एडवेंचर स्‍पोर्ट्स पर लगाई गई रोक के बाद उत्तराखंड में प्रभावित हो रहे टूरिज्म को लेकर कहा कि राज्य में पहली बार 2001 में पर्यटन नीति बनाई गई थी और उन्हीं प्रावधानों के तहत सब चल रहा था. उन्होंने कहा कि रिवर राफ्टिंग के लिए जल्द ही सरकार नई पॉलिसी लाने जा रही है. जिसमें वो सभी प्रावधान शामिल किए जाएंगे जिससे रिवर राफ्टिंग बेहतर हो और अन्य एडवेंचर गेम्स भी बेहतर बन सकें.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग आदि की अपार संभावनाएं हैं. इनके माध्यम से रोजगार की संभावनाएं उत्‍पन्‍न करना सरकार का पहला लक्ष्य और प्राथमिकता है. इससे टूरिज्म के साथ साथ रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार नीति बनाने जा रही है और पर्यटन विभाग इस पर काम कर रहा है जल्द ही रिजल्ट सबके सामने होगा.

बता दें कि 22 जून को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सभी वाटर स्पोर्ट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. हाईकोर्ट ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि अभी तक राज्य सरकार ने इस गतिविधियों के लिए कोई भी नियामक नीति नहीं बनाई है. हाईकोर्ट ने ऐसी नीति बनने तक वाटर स्पोर्ट्स संबंधी सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. सोमवार को जारी किए अपने आदेश में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किया था कि वह दो सप्ताह के भीतर इस संबंध में पारदर्शी नीति तैयार करे. 

हाईकोर्ट ने कहा था कि इन खेलों में केवल उच्च प्रशिक्षित खिलाड़ियों को ही भाग लेने की अनुमति दी जाए. कोर्ट ने कहा कि बिना वाजिब शुल्क लिए और पारदर्शी प्रक्रिया के अनुसार निविदाएं बुलाए राज्य सरकार नदियों के उपयोग की अनुमति नहीं दे सकती. हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि “आनंद के लिए खेले जाने खेलों को हादसों में खत्म होने के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती.” पर्यटन को प्रोत्साहित जरूर करना चाहिए लेकिन उसे नियंत्रित भी करना जरूरी है.

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