विधानसभा चुनावों के बाद ईवीएम में साजिश किये जाने का आरोप लगाते हुए 7 विधानसभाओं की ईवीएम सील किए जाने की याचिकाएं दायर की गई थीं.
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नैनीताल : पिछले साल उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में धांधली की शिकायत पर कई जिलों की ईवीएम को सील करके पुलिस की कस्टडी में रखवाया गया था. हाई कोर्ट ने मंगलवार को उन ईवीएम को रिलीज करने के आदेश दिये जो ईवीएम में साजिश का आरोप लगाने वाली लंबित याचिकाओं का हिस्सा नहीं हैं. चुनाव आयोग ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उन ईवीएम को रिलीज करने का आग्रह किया जिन्हें एक साल पहले न्यायालय के आदेश पर सील कर दिया गया था लेकिन वे याचिकाओं का हिस्सा नहीं हैं.
अर्जी में प्रार्थना की गई थी कि ऐसी ईवीएम को रिलीज कर दिया जाए जो उन्हें सील करने का आग्रह करने वाली याचिकाओं का हिस्सा नहीं है ताकि भविष्य में उनका उपयोग किया जा सके. चुनाव आयोग की प्रार्थना से सहमति व्यक्त करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाओं का हिस्सा बनी ईवीएम को छोड़कर अन्य सभी ईवीएम को रिलीज करने के आदेश दिये.
इससे पहले, उत्तराखंड हाई कोर्ट में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के बाद ईवीएम में साजिश किये जाने का आरोप लगाते हुए सात विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम सील किए जाने तथा उनकी जांच किये जाने से संबंधित सात चुनाव याचिकाएं दायर की गई थीं. कोर्ट ने सभी संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के न्यायिक मजिस्ट्रेटों को उक्त ईवीएम पर अपनी अतिरिक्त सील लगाने का निर्देश दिया था.
इन सात विधानसभा क्षेत्रों में देहरादून की विकासनगर, राजपुर रोड, रायपुर, मसूरी, हरिद्वार की भेल रानीपुर, हरिद्वार (ग्रामीण) और टिहरी की प्रतापनगर सीट शामिल हैं. न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने आदेश दिया कि ऐसी ईवीएम जो उक्त विवाद का हिस्सा नहीं है उन्हें रिलीज कर दिया जाये और आगे जरूरत के हिसाब से उनका उपयोग कर लिया जाए.
हालांकि, सात विवादित विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम अग्रिम आदेशों तक चुनाव आयोग और संबंधित क्षेत्रों के न्यायिक मजिस्टेटों की सील से बंद ही रहेंगी.
(इनपुट आईएएनएस से)