उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र को तीन सप्ताह में NIVH का निदेशक नियुक्त करने को कहा
Advertisement

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र को तीन सप्ताह में NIVH का निदेशक नियुक्त करने को कहा

कोर्ट ने केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुख्य सचिव को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने का निर्देश दिया.

अदालत ने 20 अगस्त को केंद्र सरकार को संस्थान का नियमित निदेशक नियुक्त करने को कहा था.

नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को दृष्टिबाधितों के लिए राष्ट्रीय संस्थान (एनआइवीएच) का तीन हफ्ते के अंदर एक नियमित निदेशक नियुक्त करने का गुरुवार को आदेश दिया. साथ ही, इसमें नाकाम रहने पर केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुख्य सचिव को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने का निर्देश दिया. इससे पहले, अदालत ने शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा संस्थान के विद्यार्थियों से छेड़छाड़ और उनके यौन उत्पीड़न के बारे में प्रकाशित समाचारों पर संज्ञान लिया था.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने कहा, ' किसी भी सभ्य समाज में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती कि शिक्षक स्वयं यौन उत्पीड़न में शामिल होंगे. यह पूरे शिक्षक समुदाय के लिये एक काला धब्बा है.' अदालत ने 20 अगस्त को केंद्र सरकार को संस्थान का नियमित निदेशक नियुक्त करने को कहा था. लेकिन, अब तक नियमित निदेशक की नियुक्ति नहीं की गयी है और अनुराधा डालमिया वर्तमान पद पर बनी हुई हैं.

संस्थान में क्लिनिकल साइकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर सुरेंद्र धालवाल को एक नोटिस भी जारी किया गया है और पूछा गया है कि अदालत को गुमराह करने और उससे तथ्य छुपाने के लिये क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये. अदालत ने केंद्र सरकार से यह स्प्ष्ट करने को कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ आक्षेप लगे हैं, उसे 12 साल तक संस्थान के प्रमुख पद पर क्यों रहने दिया गया.

(इनपुट-भाषा)

Trending news