चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट की मुहर, विधानसभा में पेश होगा बिल
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चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट की मुहर, विधानसभा में पेश होगा बिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यभार संभालने के बाद 11 सितंबर, 2021 को तीर्थ पुरोहितों को अपने आवास पर बुलाकर आश्वस्त किया था कि 30 अक्टूबर तक इस मामले को सुलझा लिया जाएगा.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी.

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार शाम हुई कैबिनेट बैठक में चारधाम देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने के फैसले पर मुहर लग गई. पुष्कर सिंह धामी सरकार उत्तराखंड विधानसभा के आगामी सत्र में देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने का बिल पेश करेगी. इस बोर्ड के भंग होने के बाद पुरानी व्यवस्थाएं लागू हो जाएंगी. यानी बद्रीनाथ, केदारनाथ टेंपल कमेटी अस्तित्व में आ जाएगी. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम लेकर आए थे. इसके तहत एक बोर्ड का गठन कर चारों धाम के अलावा 51 मंदिरों का प्रबंधन राज्य सरकार ने अपने हाथों में ले लिया था. त्रिवेंद्र सरकार का कहना था कि लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या और इस क्षेत्र को पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से मजबूत करने के मद्देनजर मंदिरों के प्रबंधन पर सरकारी नियंत्रण जरूरी है. 

त्रिवेंद्र सरकार का तर्क था कि सरकारी नियंत्रण में देवस्थानम बोर्ड मंदिरों के रखरखाव और यात्रा के प्रबंधन का काम बेहतर तरीके से करेगा. देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद से ही उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित और साधु-संत ​राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे थे. उनका कहना था कि सरकार इस बोर्ड की आड़ में तीर्थ पुरोहितों और साधु-संतों का अधिकार समाप्त करना चाह रही है. वे समय-समय पर धरना प्रदर्शन और अनशन के जरिए अपना विरोध दर्ज कराते रहे.

इसके बाद उत्तराखंड में भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को सूबे की कमान सौंपी. फिर उन्हें हटाकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यभार संभालने के बाद 11 सितंबर, 2021 को तीर्थ पुरोहितों को अपने आवास पर बुलाकर आश्वस्त किया था कि 30 अक्टूबर तक इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. चूंकि 2022 में उत्तराखंड में चुनाव हैं और देवस्थानम बोर्ड का मुद्दा प्रदेश व्यापी हो चुका था, इसलिए भाजपा सरकार ने इस बोर्ड को भंग करने का फैसला लेना ही उचित समझा.

देवस्थानम बोर्ड को लेकर कब-कब क्या हुआ

27 नवम्बर 2019 को उत्तराखंड चार धाम बोर्ड विधेयक 2019 को मंजूरी
5 दिसंबर 2019 में सदन से विधेयक हुआ पास
14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी
24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड का सीईओ नियुक्त हुआ
24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड का तीर्थ पुरोहितों ने विरोध शुरू कर दिया 
11 सितंबर 2021 को पुष्कर धामी ने सीएम बनने के बाद संतों को बुलाकर विवाद खत्म करने का आश्वसन दिया था

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