सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक नगरी चित्रकूट, बाबा की नगरी काशी, संगम नगरी प्रयागराज में सावन के अंतिम सोमवार शिव मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है.
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ओंकार सिंह/चित्रकूट: इस साल 16 अगस्त यानी आज सावन का आखिरी सोमवार है. मान्यता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव का पूजन करने और इस दिन व्रत रखने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं. सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक नगरी चित्रकूट, बाबा की नगरी काशी, संगम नगरी प्रयागराज में सावन के अंतिम सोमवार शिव मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है.
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए शिव भक्तों की उमड़ी भीड़
शिव की नगरी वाराणसी में सावन के महीने में पहले और आखिरी सोमवार का खास महत्व होता है. इसी कारण इस बार सावन का आखिरी सोमवार को काशी में भक्तों की खास भीड़ जुटी हुई है. काशी में सावन के अंतिम सोमवार के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. सावन के अंतिम सोमवार को काशी में भगवान शिव के पंचमुख के अवतार की कथा पढ़ने और सुनने का बहुत महत्व है. मान्यता है कि भगवान शिव के पंचमुख अवतार की कथा सुनने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
शिव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
चित्रकूट के रामघाट में स्थित महाराजाधिराज मध्यम नाथ शिव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है जहां शिव भक्त शिव जी का जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं. शिव मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
ये है इस मंदिर की मान्यता
चित्रकूट के रामघाट में स्थित महाराजाधिराज मतगयेन्द्रनाथ शिव जी के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां शिवजी की स्थापना स्वयं ब्रम्हाजी ने की थी और इनको यहां का राजा नियुक्त कर दिया था. तभी से इन्हें महाराजाधिराज मतगयेन्द्र शिवजी कहा जाने लगा है. प्रत्येक सोमवार को यहां लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है.
मनोकामना पूरक हैं महाराजाधिराज मतगयेन्द्र नाथ शिव जी
महाराजाधिराज मतगयेन्द्र नाथ शिव जी की पूजा अर्चना से शिवभक्तों की मनोकामनाओ की पूर्ति होती है. कहा जाता है कि यहां शिवजी का जलाभिषेक करने से लोगों की मान्यताओं की पूर्ति होती है. वैसे सावन का महीना शिवजी का होता है और इस महीने में शिवजी की उपासना से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
सावन के बाद शुरू हो जाएगा भाद्रपद
सावन मास 22 अगस्त 2021, दिन रविवार से समाप्त हो रहा है. इस दिन शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि है. सावन के आखिरी दिन धनिष्ठा नक्षत्र और शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है. सावन के बाद भाद्रपद शुरू हो जाएगा. जिसे भादो भी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह छठा महीना होता है। भादो 23 अगस्त 2021 से शुरू होगा.
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