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एकलौता शहर जहां 5 यूनिवर्सिटी, एक का दुनिया में बज रहा डंका, 200 से ज्‍यादा कॉलेज भी

विश्‍व के सबसे पुराने शहरों में वाराणसी का भी नाम है. वाराणसी हमेशा से संस्कृतियों और धर्मों का संगम स्थल रहा है. वाराणसी को शिक्षा की नगरी भी कहा जाता है. वाराणसी प्रदेश का एकलौता शहर है, जहां पांच यूनिवर्सिटी और 200 से ज्‍यादा कॉलेज हैं. यहां की गलियां पढ़ने वाले छात्रों से भरी हैं.

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय भारत की टॉप यूनिवर्सिटी में शामिल है. इसे NIRF Ranking 2024 में पांचवीं रैंक मिली थी. बीएचयू विदेशी छात्रों को भी आकर्षित करता है. 

सबसे बड़ा आवासीय विश्‍वविद्यालय

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सबसे बड़ा आवासीय विश्‍वविद्यालय

करीब 1300 एकड़ में फैले बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय में हर साल यहां लाखों छात्र पढ़ाई के लिए दाखिला लेते हैं. बीएचयू को एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्‍वविद्यालय भी कहा जाता है. 

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

वाराणसी स्थित दूसरा विश्वविद्यालय महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ है. यह उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े स्टेट यूनिवर्सिटी में से एक है. यहां से करीब 400 से ज्यादा कॉलेज संबद्ध हैं. 

कब हुई थी स्‍थापना?

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कब हुई थी स्‍थापना?

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को पहले काशी विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था. इसकी स्थापना 10 फरवरी 1921 को असहयोग आंदोलन के दौरान हुई थी. इसकी स्थापना बाबू शिव प्रसाद गुप्त ने की थी. 

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी

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संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी

वाराणसी में विश्व का सबसे बड़ा संस्कृत विश्वविद्यालय भी है. यहां संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ाई होती है. यहां विदेशी भाषाओं के डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं. 

कब हुई थी स्‍थापना?

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कब हुई थी स्‍थापना?

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना 1791 में हुई थी, जब इसे राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के रूप में स्थापित किया गया था. 22 मार्च 1958 को इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.

केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय

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केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय

वाराणसी के सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान विश्वविद्यालय देशभर में फेमस है. इस यूनिवर्सिटी को संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से संचालित किया जाता है.

केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान का उद्देश्‍य

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केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान का उद्देश्‍य

केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान की स्थापना 1967 में हुई थी, जब इसे केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान नाम दिया गया था. यह संस्थान भारत के सारनाथ में स्थित है और इसका उद्देश्य तिब्बत की भाषा, संस्कृति और धर्म को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है. 

अल-जामिया-तुस-सलाफिया

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अल-जामिया-तुस-सलाफिया

वाराणसी में पांचवां बड़ा विश्वविद्यालय अल-जामिया-तुस-सलाफिया है. यह एक इस्लामी जामिया या धार्मिक विश्वविद्यालय है. इसकी स्थापना 1967 में जमीयत अहले हदीस हिंद ने की थी. 

इस्लामी शिक्षा और प्रशिक्षण देना उद्देश्‍य

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इस्लामी शिक्षा और प्रशिक्षण देना उद्देश्‍य

अल-जामिया-तुस-सलाफिया की स्थापना 1967 में हुई थी. यह जमीयत अहले हदीस हिंद द्वारा स्थापित किया गया था और इसका प्राथमिक उद्देश्य इस्लामी शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है. 

200 से ज्‍यादा कॉलेज भी

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200 से ज्‍यादा कॉलेज भी

वाराणसी में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 200 से ज्‍यादा कॉलेज हैं. इनमें एम्बिशन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आर्य महिला महाविद्यालय, डीएवी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज, यूपी कॉलेज, नेशनल कॉलेज मुख्य हैं. 

आस्था का बड़ा केंद्र

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आस्था का बड़ा केंद्र

वाराणसी शहर आस्‍था का बड़ा केंद्र है. साल के हर महीने यहां पर्यटक आते रहते हैं. वाराणसी शहर धर्म की नगरी होने के साथ-साथ खाने-पीने का भी शहर है.  

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

 

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