गरीब किसान की तीन बेटियों ने पास की यूपी पुलिस परीक्षा, दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
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गरीब किसान की तीन बेटियों ने पास की यूपी पुलिस परीक्षा, दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

Sonbhadra Latest News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में एक ही परिवार से तीन सगी बहनों का यूपी पुलिस में चयन हो गया. आइए आपको बताते हैं इस तीनों बहनों की सफलता की कहानी.... 

 

three real sisters selected together in up constable bharti
three real sisters selected together in up constable bharti

Sonbhadra Hindi News/Santosh Jaiswal: खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रज़ा क्या है... अल्लामा इक़बाल की ये पंक्तियां सोनभद्र जिले की तीन बहनों पर सटीक बैठती हैं, जिन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल की.

करमा थाना क्षेत्र के करकी गांव की रहने वाली आराधना पटेल, मंजू पटेल और सुमन सिंह पटेल का चयन यूपी पुलिस में हुआ है. साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली इन बहनों ने मेहनत और लगन से न सिर्फ़ अपना भविष्य संवारा, बल्कि अपने परिवार और जिले का भी नाम रोशन किया.

संघर्षों से भरी राह, लेकिन हौसला नहीं टूटा
इनके पिता किसान हैं और दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन माता-पिता ने अपनी बेटियों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी. बेटियों को पढ़ाने के लिए माता-पिता ने कई कठिनाइयां सही, लेकिन हार नहीं मानी. बेटियों ने भी उनके सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की और यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पास कर ली.

सुमन सिंह पटेल जो शादीशुदा हैं, जिन्होंने बताया कि उनकी सफलता में उनके परिवार और ससुराल दोनों का पूरा सहयोग मिला. वह पहले से एनएम (ANM) की नौकरी कर रही थीं, लेकिन पुलिस में जाने का सपना हमेशा से था.

आराधना पटेल ने बताया कि उन्होंने गांव के स्कूल में ही पढ़ाई की और एनएम की प्रैक्टिस के दौरान पुलिस भर्ती की तैयारी में जुटी रहीं. उनका कहना है कि पुलिस में भर्ती होकर वे अपने गांव की बेटियों को जागरूक करेंगी, ताकि वे भी अपने सपनों को पूरा कर सकें.

घर के काम के साथ की पढ़ाई
तीनों बहनों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और डॉक्टरों को दिया. इस दौरान बताया कि पढ़ाई के दौरान घरेलू काम भी करना पड़ता था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. कठिनाइयों के बावजूद वे पुलिस भर्ती की तैयारी करती रहीं और आखिरकार सफलता हासिल की.

पिता का त्याग और खुशी
इनकी सफलता से सबसे ज़्यादा खुशी इनके पिता को हुई. उन्होंने कहा कि हमने अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया. नमक-रोटी खाकर भी उन्हें पढ़ाया, लेकिन कभी हार नहीं मानी. आज हमारी बेटियों ने हमारे त्याग को सफल कर दिया.

उन्होंने बताया कि छोटी बेटी के दौड़ परीक्षा से पहले उसके घुटने में दर्द हो गया था, जिससे लगा कि शायद वह सफल नहीं हो पाएगी, लेकिन भगवान ने उनका साथ दिया.

गांव और परिवार में खुशी का माहौल
तीनों बहनों की सफलता से गांव में खुशी का माहौल है. परिवार के लोग इस दिन को दूसरी होली की तरह मना रहे हैं. इनके भाई अभिषेक पटेल ने बताया कि उनकी बहनों का सपना प्रशासनिक क्षेत्र में जाने का था. परीक्षा के समय उनकी माता जी की तबीयत खराब हो गई थी, जिससे थोड़ी मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने अपनी बहनों का पूरा साथ दिया.

शिक्षकों की राय
इनकी सफलता पर इनके गुरु उमाकांत मिश्रा ने कहा कि तीनों बहनें पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी आगे थीं. उन्होंने हंसवाहिनी इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की.

स्वतंत्रता सेनानी परिवार से मिली प्रेरणा
इनके पिता ने बताया कि उनके पिता यज्ञ नारायण सिंह पटेल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. उनके आशीर्वाद और बेटियों की मेहनत के कारण ही यह सफलता मिली है. 

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