वाराणसी: धोती-कुर्ता पहनकर काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा करेंगे पुलिसकर्मी
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वाराणसी: धोती-कुर्ता पहनकर काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा करेंगे पुलिसकर्मी

इस शहर की पहचान सदियों से काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर है. करीब 240 साल पुराने इस मंदिर की सुरक्षा की कमान अब वर्दीधारी पुलिस की जगह धोती-कुर्ता धारी पुलिस को सौंपी गई है.

240 साल पुराना है यह मंदिर.

नई दिल्ली/वाराणसी: इस शहर की पहचान सदियों से काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर है. करीब 240 साल पुराने इस मंदिर की सुरक्षा की कमान अब वर्दीधारी पुलिस की जगह धोती-कुर्ता धारी पुलिस को सौंपी गई है. सोमवार को श्रद्धालु जब मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे तो वे चौंक गए, क्योंकि सुरक्षा में तैनात सभी पुलिसकर्मी धोती-कुर्ता में दिख रहे थे. कुछ श्रद्धालुओं ने धोती-कुर्ता धारी सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था पर खुशी भी जताई. पुरुष पुलिसकर्मी खाकी वर्दी की जगह धोती और पीले कुर्ते में ड्यूटी पर तैनात नजर आए. वहीं, महिला पुलिसकर्मी सफेद सलवार और आसमानी कमीज में तैनात दिखीं. जानकारी के मुताबिक मंदिर की शुद्धता को बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है. जो पुलिसकर्मी गर्भगृह के बाहर सुरक्षा में तैनात होंगे, यह नियम उनपर नहीं लागू होंगे.

  1. 26 मार्च से ही सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के ड्रेस में बदलाव
  2. खाकी वर्दी की जगह धोती और पीले कुर्ते में पुलिसकर्मी
  3. महिला पुलिसकर्मी सफेद सलवार और आसमानी कमीज में

केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर में  भी पुलिसकर्मी खाकी वर्दी में नहीं होते
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से पहले केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर में तैनात पुलिसकर्मी खाकी वर्दी में नहीं होते हैं. इस मामले को लेकर विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष अशोक द्विवेदी ने कहा कि विशाखापट्टनम के कुछ दर्शनार्थियों ने शिकायत की थी कि मंदिर में पुलिसकर्मी दर्शनार्थियों से दुर्व्यवहार करते हैं, इसलिए उस समय के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण और एसएसपी आरके भारद्वाज के साथ उन्होंने चर्चा की. चर्चा के दौरान ही धोती-कुर्ता में पुलिसकर्मियों की तैनाती पर बात हुई थी. सुझाव के तौर पर कहा गया था कि विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह का लाइव प्रसारण होता ह. लाइव प्रसारण के दौरान मंदिर के गर्भगृह में खाकी वर्दीधारी सेवा करते दिखते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है और यह सिलसिला पिछले 32 सालों से चल रहा था. लेकिन, अब पुलिसकर्मी धोती-कुर्ता में तैनात रहेंगे, जिससे सभी को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी.

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मंदिर को लेकर नकारात्मक छवि बदलेगी- अशोक द्विवेदी
मंदिर न्यास परिषद के अध्यक्ष अशोक द्विवेदी ने कहा कि मैं वाराणसी के एसएसपी का धन्‍यवाद करना चाहता हूं, जिन्‍होंने इस नकारात्‍मक छवि को बदलकर अब धोती कुर्ता की व्‍यवस्‍था पुलिसकर्मियों के लिए कर दी है. अब बाबा विश्वनाथ की सेवा में लगे पुलिसकर्मी धोती कुर्ता में काम करेंगे. अशोक द्विवेदी ने यह भी बताया कि जल्द ही इस नियम को न्‍यास परिषद के सामने रखा जाएगा और नई परंपरा का बड़े पैमाने पर विस्तार किया जाएगा.

फिलहाल गर्भगृह में तैनात पुलिसकर्मियों के ड्रेस कोड में बदलाव
काशी विश्वनाथ मंदिर में शुरू हुई नई परंपरा के बारे में मुख्य कार्यपालक ने बताया कि अभी सिर्फ गर्भगृह में तैनात सुरक्षाकर्मियों के परिधान बदले गए हैं. लेकिन, आने वाले दिनों में सभी सुरक्षाकर्मियों के परिधान बदले जाने की तैयारी की जा रही है. चूंकि इस मंदिर में दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से अलग-अलग भाषा बोलने वाले श्रद्धालु आते हैं. इसलिए, आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर अलग-अलग भाषाओं को जानने वाले सुरक्षाकर्मियों तैनात किए जाएंगे.

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विदेशियों को लेकर फिलहाल कोई ड्रेस कोड नहीं
काशी विश्‍वनाथ मंदिर कैंपस और बाहरी हिस्‍से में सुरक्षा के मद्देनजर तीन चरणों में सैकड़ों जवान रोज ड्यूटी देते हैं. गर्भगृह में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात पुलिस जवान वर्दी में और चमड़े की बेल्‍ट लगाए ड्यूटी देते रहे हैं. इसका लंबे समय से विरोध हो रहा था. बाबा के भक्‍तों का कहना था कि गर्भगृह में रहने वाले सभी लोगों के लिए ड्रेस कोड जरूरी है. पुलिस प्रशासन ने अब इसी दिशा में कदम उठाया है. हालांकि विदेशियों के लिए ड्रेस कोड का पालन फिलहाल जरूरी नहीं है. दो साल पहले विश्‍वनाथ मंदिर में भारतीय संस्‍कृति के प्रचार-प्रसार के नाम पर विदेशी महिलाओं के लिए ड्रेस कोड़ लागू किया गया था. विदेशियों के जींस-टॉप और टीशर्ट पहनकर मंदिर में एंट्री पर रोक लगा दी गई थी. विदेशी ड्रेस के ऊपर साड़ी पहनना जरूरी कर दिया गया था. कुछ दिनों तक ही यह नियम प्रभावी रहा. वर्तमान समय से विदेशी अपने पहनावे में ही मंदिर में आते जाते है.

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