राम मंदिर: सुप्रीम कोर्ट में रोजाना हो रही सुनवाई, अयोध्या में VHP ने कसी कमर
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राम मंदिर: सुप्रीम कोर्ट में रोजाना हो रही सुनवाई, अयोध्या में VHP ने कसी कमर

विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी व संत समन्वय समिति के प्रमुख शरद शर्मा का दावा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए तैयारी की समीक्षा को लेकर एक बैठक जल्दी ही होने जा रही है. 

शरद शर्मा ने कहा कि पत्थरों को तराशने के लिए कारीगरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी.

अयोध्या: राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 5 दिवसीय सुनवाई के फैसले के बाद अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने हलचल तेज कर दी है. राम मंदिर के लिए पत्थर तराशने की कार्यशाला में विहिप ने कारीगरों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसी के साथ तराशे गए पत्थरो पर लगी काई को भी छुड़ाने का कार्य किया जायेगा. राजस्थान के भरतपुर से पत्थर भी मंगाए जा रहे हैं. इस बाबत श्री राम जन्मभूमि न्यास एक बैठक जल्दी ही करने जा रही है. बैठक में राम मंदिर निर्माण के लिए तैयारी पर चर्चा किया जायेगा. गुजरात, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के बेहतरीन कारीगरों को कार्यशाला में पत्थर तराशने के लिए बुलाया जाएगा. 

अयोध्या में विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी व संत समन्वय समिति के प्रमुख शरद शर्मा का दावा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए तैयारी की समीक्षा को लेकर एक बैठक जल्दी ही होने जा रही है. यह बैठक श्री राम जन्मभूमि न्यास आयोजित करेगी. जिसमे न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में न्यास के सभी सदस्य सामिल होंगे. विहिप के लोग भी शामिल होंगे. इस बैठक में कार्यशाला को लेकर चर्चा की जाएगी. जिसमें पत्थर तराशने के कार्य के लिए कारीगरों की संख्या को बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा. तराशे गए पत्थरों पर लगी काई को समाप्त करने के लिए अलग से कारीगरों को लाया जाएगा. 

 

 

उन्होंने बताया कि राजस्थान के भरतपुर से और पत्थर मंगाए जाएंगे. इन सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के साथ निर्णय लिया जाएगा. इस समय पत्थर तराशने वाली कार्यशाला में कारीगरों की संख्या बहुत कम है. गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से बेहतरीन कारीगरों को बुलाया जाएगा. विहिप मानती है कि सुप्रीम कोर्ट अब अयोध्या मसले पर निर्णय दे देगी. उन्होंने कहा कि 5 दिवसीय सुनवाई का विहिप स्वागत करती है. जिस तरह सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. उसको देखते हुए अयोध्या की कार्यशाला में भी हलचल तेज करनी होगी. जिससे निर्णय आने पर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सके. 

उन्होंने कहा कि विहिप व श्री राम जन्मभूमि न्यास का प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल के अनुसार ही मंदिर निर्माण होना है. ऐसे में मंदिर निर्माण के लिए एक लाख 75 हजार घन फुट पत्थरों की जरुरत है. जिसमे एक लाख घन फुट पत्थर तराशे जा चुके है. विहिप इस पर भी विचार कर रही है कि जो पत्थर राजस्थान के भरतपुर से आएंगे, उनको तराशा तो कार्यशाला में जायेगा लेकिन नक्काशी जन्मस्थान पर की जाएगी. फ़िलहाल जिस तरह दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले को लेकर हलचल है. उसी तरह अयोध्या के कारसेवकपुरम व कार्यशाला में भी हलचल तेज हो गई है.

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