VHP धर्म संसद: संतों ने मोदी पर जताया भरोसा, कहा, 'मंदिर वहीं बनेगा जहां राम का जन्म हुआ'
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VHP धर्म संसद: संतों ने मोदी पर जताया भरोसा, कहा, 'मंदिर वहीं बनेगा जहां राम का जन्म हुआ'

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर वहीं बनेगा जहां राम का जन्म हुआ, उन्हीं शिलाओं और ईटों से बनेगा जिन्हें पूजा गया हैं. 

फाइल फोटो

प्रयागराज: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की धर्म संसद में शुक्रवार (01 फरवरी) को दूसरे दिन अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण पर चर्चा हुई. राम मंदिर पर विहिप प्रस्ताव लाया गया है. धर्म संसद में शुक्रवार को विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर वहीं बनेगा जहां राम का जन्म हुआ, उन्हीं शिलाओं और ईटों से बनेगा जिन्हें पूजा गया हैं और उसी मॉडल पर बनेगा जो देशभर के घरों में पूजित हुआ है.

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प्रस्ताव के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर पर दिन प्रतिदिन सुनवाई कर 2-3 महीने में निर्णय दें. विहिप का प्रस्ताव कि राम मंदिर के लिए आंदोलन के नए चरण की शुरूआत नहीं होगी. उन्होंने केन्द्र सरकार के गैर विवादित जमीन को वापस करने के प्रयास का स्वागत किया. उन्होंने घोषणा की शनिवार को राम मंदिर के लिए गंगा किनारे महायज्ञ करेंगे. 

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दो दिवसीय इस धर्म संसद के अंतिम दिन बढ़ी संख्या में संत महात्मा पहुंचे और राम मंदिर गहन चर्चा की. इसी दौरान विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर वहीं बनेगा जहां राम का जन्म हुआ, उन्हीं शिलाओं और ईटों से बनेगा जो पूजित हुई हैं और उसी मॉडल पर बनेगा जो देशभर के घरों में पूजित हुआ है.

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धर्म संसद को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि जो शक्तियां कई पीढ़ियों तक शत्रु थीं, अब वे संधि करके हिंदुओं के खिलाफ षडयंत्र कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हमारी 42 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि न्यास की है और न्यास के अध्यक्ष ने जब सरकार को पत्र लिखकर इसे लौटाने की मांग की तो प्रधानमंत्री ने इस पत्र के भेजे जाने के 15 दिन के भीतर त्वरित कार्रवाई करके उच्चतम न्यायालय में इसके लिए अर्जी दी और भूमि लौटाने की अनुमति मांगी है. आलोक कुमार ने कहा कि हम इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हैं. 

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