बस्ती: हल्की बारिश के बाद नदी में समाया बांध, खतरे में ग्रामीणों की जान
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बस्ती: हल्की बारिश के बाद नदी में समाया बांध, खतरे में ग्रामीणों की जान

ग्रामीणों की मानें तो, 2018 में भी चांदपुर गांव के सामने घाघरा नदी में 100 मीटर तटबंध नदी में डूब गया था. जिसके बाद तत्कालीन डीएम राजशेखर ने पूरे गांव को खाली करा दिया था.

हल्की बारिश ने एक बार फिर बीडी बांध को पानी-पानी कर दिया.

राघवेंद्र सिंह/बस्ती: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बस्ती (Basti) जिले में अधिकारी  गोलमाल करने से बाज नही आ रहे हैं. अधिकारियों के फर्जीवाड़े की पोल घाघरा नदी पर बने 90 मीटर बीडी बांध ने खोल दी है. घटिया सामग्री से बना बीडी बांध हल्की बारिश में महज 30 मिनट में ही नदी में समा गया.

ग्रामीणों की मानें तो, 2018 में भी चांदपुर गांव के सामने घाघरा नदी में 100 मीटर तटबंध नदी में डूब गया था. जिसके बाद तत्कालीन डीएम राजशेखर ने पूरे गांव को खाली करा दिया था. इस घटना के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे. उन्होंने इसकी मरम्मत के लिए 4.30 करोड़ रुपये के फंड की स्वीकृति दी थी. जिससे बांध का फिर से निर्माण किया गया. लेकिन हल्की बारिश ने एक बार फिर बीडी बांध को पानी-पानी कर दिया.

वहीं इस घटना के बाद अब चांदपुर कटरिया गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. जिसे देखते हुए ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से पहले तटबंध का पुनः निर्माण नहीं किया गया, तो नदी का दबाव तटबंध पर पड़ेगा जिससे गांव पानी में बह जाएगा.

जानकारी के मुताबिक, बाढ़ खंड के अधिकारियों के जरिए गुणवत्तापूर्ण कार्य ना कराने की वजह से बार-बार तटबंध टूट जाता है, अधिकारियों की इस घपलेबाजी की वजह से बाढ़ के समय ग्रामीणों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

वहीं इस घोटाले पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी, साथ ही तटबंधों को नदी के कटने से बचाया जाएगा.

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