राम मंदिर आंदोलन के अगुआ विनय कटियार से दिलीप तिवारी ने खास बातचीत की. इस बातचीत में विनय कटियार ने बेबाकी से अपनी बात रखी. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन, संघ और बीजेपी की भूमिका के बारे में बताया. वहीं कांग्रेस पर कटाक्ष भी किया.
Trending Photos
अयोध्या: राम मंदिर आंदोलन के अगुआ विनय कटियार से दिलीप तिवारी ने खास बातचीत की. इस बातचीत में विनय कटियार ने बेबाकी से अपनी बात रखी. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन, संघ और बीजेपी की भूमिका के बारे में बताया. वहीं कांग्रेस पर कटाक्ष भी किया. साथ ही कहा कि अब मथुरा और काशी के लिए राम मंदिर आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
विनय कटियार का अगला मिशन क्या...?
राममंदिर का काम पूरा, अब मथुरा-काशी बाकी, उस काम के लिए कूच करूंगा.
आडवाणी-जोशी कार्यक्रम में नहीं आ रहे हैं, आप क्या सोचते हैं?
आडवाणी-जोशी को हर हालत में कार्यक्रम में लाना चाहिए था
आपको क्या लगता है राममंदिर निर्माण में सबसे बड़ा योगदान किसका है?
मंदिर में सबसे बड़ा योगदान-अशोक सिंघल, आचार्य गिरराज किशोर, आरएसएस का है. आरएसएस में तो सब आ गए.
अयोध्या भूमि पूजन में शामिल होने वाले सभी अतिथियों को चांदी के सिक्के भेंट करेगा राम मंदिर ट्रस्ट
राममंदिर पर तब कांग्रेस का रुख..?
`पीएम राव अंदर से तैयार थे, गृहमंत्री एसबी चव्हाण ने तो कहा था ढांचे पर बुलडोजर चलवा दो...`
तो कांग्रेस क्या चाहती थी?
कांग्रेस चाहती थी कि बीजेपी की सरकार चली जाए. ढांचा गिरने के बाद सरकार चली भी गई.
नरसिंह राव ने क्या कहा था?
नरसिंह राव ने कहा था कि बहुत हो गया, अब वहां से चले जाओ. हमने कहा था हमारा काम भी पूरा हो गया है.
दिग्विजय कहते हैं कि राम किसी की बपौती नहीं है?
दिग्विजय सिंह आतंकियों को आश्रय देने वालों में से हैं. उनकी बात नहीं करते है.
कमलनाथ को लेकर क्या राय है?
कमलनाथ ठीक आदमी हैं, हालांकि उनकी कुर्सी चली गई. अब राम का नाम ले रहे हैं.
शिलान्यास या भूमि पूजन, सही क्या है?
शिलान्यास तो 1989 में रामेश्वर पासवान ने कर दिया था. अब शिला पूजन यानी भूमि पूजन होना है.
आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह और परासरन क्यों नहीं आ रहे अयोध्या? चंपत राय ने बताई वजह
राम शिलाएं कहां पर हैं?
शिलाएं नहीं थीं, बल्कि एक शिला थी. उसे मंगवाएंगे.
आंदोलनकारियों को सिर्फ इन्विटेशन कार्ड भेजे गए है?
चलिए, इन्विटेशन कार्ड मिला है, यही बहुत बड़ी बात है. हां, फेहरिस्त तो बहुत लंबी है.
मंच पर कौन-कौन होंगे?
कोई नहीं होगा. अगर आडवाणी होते तो मंच पर जरूर दिखते.
राममंदिर की रूपरेखा कैसी होगी?
राम मंदिर का निर्माण वेटिकन सिटी जैसा भव्यता के साथ होगा.
राम मंदिर भूमि पूजन तो भव्य होना चाहिए था?
यह कार्यक्रम इतना भव्य होना चाहिए था, लेकिन कोरोना की वजह से नहीं हो पा रहा है.
उमा भारती क्यों नहीं आ रही हैं, उनको निमंत्रण मिला था.
उमा भारती क्यों नहीं आ रही हैं, वो वही जानती होंगी.
राम मंदिर की बदौलत 36 साल में 218 गुना बढ़ी BJP, 1984 में 2 सांसदों से 2019 में 303 की बनी पार्टी
उमा कह रही हैं राम किसी एक नहीं हैं, क्या मानना है आपका?
राम किसी एक के नहीं हैं, उनकी यह बात तो बिलकुल सही है. राम सबके हैं. किसी एक के नहीं हैं.
अटल और अशोक सिंघल में क्यों ठन गई थी?
उस समय तक ढांचा जा चुका था, शिला पहुंचानी थी, लेकिन उस प्रतिबंध लगा दिया था. यह अच्छा नहीं किया था वाजपेयी जी ने.
राम मंदिर निर्माण में सबसे बड़ा योगदान किसका है?
मंदिर में सबसे बड़ा योगदान- अशोक सिंघल, आचार्य गिरराज किशोर, आरएसएस का है. संघ के बिना कुछ होना नहीं था.
राम मंदिर आंदोलन में किनको श्रेय देंगे?
अशोक सिंघल, गिरीराज किशोर और संघ को. जब संघ की चर्चा करता हूं तो उसमें सब लोग आ गए. संतों में वामदेव सिंह, अवैद्यनाथ, परमहंस दास, नृत्य गोपाल दास.
राम मंदिर आंदोलन को बजरंग दल ने कैसे गति दी?
देवरहा बाबा कहते थे मंजीरा बजाते चलो, मंदिर बनेगा. एक न एक दिन जरूर बनेगा. उनसे जब मिले तो उन्होंने कहा था आप लोगों (बजरंग दल) को मंदिर का मुद्दा लगातार उठाते रहना होगा.
29 साल पुराना वादा निभाने अयोध्या आ रहे हैं प्रधानमंत्री, जानिए मिनट-टू-मिनट पूरा कार्यक्रम
मंदिर बनने के बाद क्या विवाद खत्म हो गए?
हां, विवाद खत्म हो गए है. मुस्लिम पक्ष अटल की बात मान लेता तो मंदिर बहुत पहले बन जाता.
क्या किया था अटल जी ने?
अटल जी ने मुस्लिम पक्ष को सरयू के उस पार 40 एकड़ भूमि देने की पेशकश की थी.
राम मंदिर आंदोलन का संघर्ष कैसा रहा?
हमने तीन स्थान मांगे थे, एक को कोर्ट ने दे दिया. 3.50 लाख लोग शहीद हुए. 78 बार युद्ध हुआ. न्याय मिला है. बाकी स्थानों के लिए आंदोलन होगा.
क्या आंदोलनकारियों को न्याय मिला?
यह दुर्भाग्य था. बीजेपी ने आंदोलनकारियों को इग्नोर किया. यह अच्छा नहीं किया. लोगों को सम्मान मिलना चाहिए.
उनका क्या हश्र हुआ?
टीस होती है कि उन्हें मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया. जोशी जी को हर हाल में भूमि पूजन में लाना चाहिए.
विनय कटियार से दिलीप तिवारी की बातचीत सुनने के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखें.