सात छात्रों से शुरू हुई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आज 40 हजार छात्र, जानें कितने हिन्दू कितने मुस्लिम

Preeti Chauhan
Nov 08, 2024

क्यों हुई AMU की स्थापना

एएमयू का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा प्रदान करना था, जिससे वे इस्लामी मूल्यों के साथ आधुनिक ज्ञान पा सके

कब मिला विश्वविद्यालय का दर्जा

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को विश्वविद्यालय का दर्जा 1920 में मिला था. इसके साथ ही वह भारत की पहली मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन गई थी.

AMU में कई विभाग

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कोर्सेस भी अन्य विश्वविद्यालयों की तरह अलग-अलग हैं. एएमयू में कई विभाग हैं- आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स, इंजीनियरिंग, मेडिकल और कानून आदि.

स्कूल के तौर पर स्थापना

रिपोर्ट्स के अनुसार सर सैयद अहमद खान ने सबसे पहले 1875 में मदरसा ए तुलुम के रूप में इसकी नींव रखी, जो बाद में 1877 में एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज बना और साल 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का रूप ले लिया. उस समय निजी विश्वविद्यालयों की अनुमति नहीं थी.

यूनिवर्सिटी में रिसर्च

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अनुसंधान के लिए कई केंद्र और संस्थान हैं. यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स अलग-अलग क्षेत्रों में रिसर्च करते हैं.

कितने स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं?

एएमयू मे 37 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं. यहां 13 फैकल्टी, 21 सेंटर और 117 विभाग हैं. स्टूडेंट्स और कर्मचारियों के लिए 80 हॉस्टल सहित 19 हॉल भी हैं.

हिंदू-मुस्लिम स्टू़डेंट्स की संख्या कितनी है?

AMU में 70 प्रतिशत percent और 30 प्रतिशत हिंदू स्टूडेंट्स हैं. सूत्रों के अनुसार, चिकित्सा और कानून जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में हिंदू स्टूडेंट्स की संख्या 40 प्रतिशत तक हो जाती है.

इंटरनेशनल मान्यता है?

AMU को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई है, जिससे यह भारत की प्रमुख शैक्षिक संस्थाओं में से एक है.

एएमयू के दूसरे चांसलर

एएमयू के दूसरे चांसलर सुल्तान जहां के बेटे हमीदुल्लाह खान थे, जो 1930 से 1935 तक भोपाल के नवाब भी रहे. 1920 में केंद्रीय विश्वविद्यालय बन जाने के बाद यहां चांसलर की जगह वाइस चांसलर की नियुक्ति होने लगी.

पहली बार कार्यवाहक नियुक्ति

1980 में पहली बार कार्यवाहक नियुक्ति के तौर पर जगन नाथ प्रसाद यहां के कुलपति बने. जुलाई 1990 में अशोक बाल भी कुलपति बने. उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी 28 मई 2000 से 30 मार्च 2002 तक यहां के वाइस चांसलर रहे. अप्रैल 2024 को यहां नईमा खातून के तौर पर नई चांसलर की नियुक्ति हुई.

इन नामी लोगों ने पढ़ाई की

यहां से नसीरुद्दीन शाह, जावेद अख्तर, मोहम्मद हामिद अंसारी, अनुभव सिन्हा, दलीप ताहिल, लियाकत अली खान, कुलभूषण खरबंदा, आजम खान, अस्मा हुसैन समेत कई जाने-माने लोगों ने एएमयू से पढ़ाई की है.

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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