कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है, जो नीम करोली बाबा को समर्पित है. यहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं.
बाबा नीम करौली को मानने वाले देश ही नहीं विदेश में भी है. आइए जानते हैं कि छोटी सी आयु में दिव्य ज्ञान पाने वाले महाराज की शिक्षा के बारे में..
बाबा नीम करोली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है. उनके करोड़ों भक्त हैं. क्या आप जानते हैं कि बाबा नीम करोली कितना पढ़े थे.
माना जाता है कि बाबा नीम करोली पढ़े लिखे नहीं थे. कुछ लोगों का माना है कि 17 साल की उम्र में ही उनको दिव्य ज्ञान मिल गया था.
नीम करोली बाबा का जन्म यूपी के फिराजाबाद जिले के अकबरपुर में हुआ था. कहा जाता है कि उनका जन्म साल 1900 में हुआ था.
11 साल की उम्र में ही पिता ने उनकी शादी कराई लेकिन वह ज्यादा समय सांसारिक मोह माया में बंध नहीं पाए.
नैनीताल के कैंची धाम में नीम करोली बाबा 1961 में पहुंचे. नीम करोरी बाबा की समाधि भी यहीं पंतनगर में बनी है.
बाबा नीम करोली की मृत्यु 11 सिंतबर, 1973 को वृंदावन के अस्पताल में हुई थी.