1. माँ के लिए क्या लिखूं यारों, मैं तो खुद माँ की एक प्यारी सी लिखावट हूँ! 2. कभी कोई गम मेरी तकदीर में नहीं होता, तकदीर लिखने का हक मेरी माँ को अगर होता!
मेरी माँ आज भी अनपढ़ ही है, रोटी एक माँगता हूँ वो दो परोस देती है!
जिसके होने से मैं खुद को मुकम्मल मानता हूँ, खुद से पहले मैं मेरी माँ को जानता हूँ!
मेरी माँ का आशीर्वाद वो टिका है, हर मुश्किल, हर दर्द जिसके सामने फीका है!
मेरे सर पर जब तक माँ का हाथ है, मेरे खिलाफ कौन है फर्क नहीं पड़ता!
कौन सी है वो चीज है जो यहां मिलती नहीं, मिल जाता है सब कुछ पर माँ मिलती नहीं!
मैंने कभी भगवान को देखा नहीं, लेकिन इतना मुझे यकीन है कि वो भी मेरी माँ की तरह होगा!
माँ की तरह कोई और ख्याल रख पाए ऐसा तो बस ख्याल ही हो सकता है!
माँ सबकी जगह को ले सकती है लेकिन कोई माँ की जगह ले नहीं सकता!
होगा कोई ऐसा भी कि जिसे पूरा जहाँ चाहिए, मुझे तो बस मेरी माँ चाहिए!