माँ के लिए शायरी

लिखावट

1. माँ के लिए क्या लिखूं यारों, मैं तो खुद माँ की एक प्यारी सी लिखावट हूँ! 2. कभी कोई गम मेरी तकदीर में नहीं होता, तकदीर लिखने का हक मेरी माँ को अगर होता!

अनपढ़

मेरी माँ आज भी अनपढ़ ही है, रोटी एक माँगता हूँ वो दो परोस देती है!

मुकम्मल

जिसके होने से मैं खुद को मुकम्मल मानता हूँ, खुद से पहले मैं मेरी माँ को जानता हूँ!

आशीर्वाद

मेरी माँ का आशीर्वाद वो टिका है, हर मुश्किल, हर दर्द जिसके सामने फीका है!

मेरे खिलाफ

मेरे सर पर जब तक माँ का हाथ है, मेरे खिलाफ कौन है फर्क नहीं पड़ता!

कौन सी है वो चीज है

कौन सी है वो चीज है जो यहां मिलती नहीं, मिल जाता है सब कुछ पर माँ मिलती नहीं!

भगवान

मैंने कभी भगवान को देखा नहीं, लेकिन इतना मुझे यकीन है कि वो भी मेरी माँ की तरह होगा!

ख्याल

माँ की तरह कोई और ख्याल रख पाए ऐसा तो बस ख्याल ही हो सकता है!

माँ सबकी जगह

माँ सबकी जगह को ले सकती है लेकिन कोई माँ की जगह ले नहीं सकता!

पूरा जहाँ

होगा कोई ऐसा भी कि जिसे पूरा जहाँ चाहिए, मुझे तो बस मेरी माँ चाहिए!

VIEW ALL

Read Next Story