नौवां रूप-देवी सिद्धिदात्री की पूजा

नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. रामनवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है.

आंठवा दिन-महागौरी की पूजा

नवारात्रि में आंठवे दिन महागौरी देवी की पूजा की जाती है. माता महागौरी पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं. भक्त महाअष्टमी पर उपवास रखते हैं.

सातवां दिन-कालरात्रि पूजा

देवी कालरात्रि को देवी दुर्गा का सबसे उग्र और सबसे हिंसक रूप माना जाता है. इनकी पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है.

छटा दिन-देवी कात्यायनी की पूजा

देवी कात्यायनी की पूजा पवित्र त्योहार के छठे दिन की जाती है. कथाओं के अनुसार महिषासुर राक्षस को नष्ट करने के लिए मां पार्वती ने कात्यायनी का रूप धारण किया था.

पांचवा दिन-स्कंदमाता की पूजा

पांचवें दिन भक्त देवी स्कंदमाता की पूजा करते हैं. इन्हें भक्तों की आत्मा को शुद्ध करने वाला माना जाता है. इनकी गोद में इनका पूत्र स्कंद होता है.

चौथा दिन-देवी कूष्मांडा की पूजा

चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि देवी ने ब्रह्मांड के निर्माण में योगदान दिया था.

तीसरा दिन-मां चंद्रघंटा की पूजा

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. ये एक बाघ की सवारी करती हैं. इनके माथे पर अर्धचंद्र है. ये शांति का प्रतिनिधित्व करती हैं.

दूसरा दिन-ब्रह्मचारिणी की पूजा

देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा दूसरे दिन की जाती है. देवी ब्रह्मचारिणी ज्ञान और दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करती हैं.

पहला दिन-शैलपुत्री की पूजा

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भक्त देवी शैलपुत्री की पूजा करते हैं. इस दिन कई भक्त अपने घरों में कलश रखते हैं.

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