डिप्टी कलेक्टर जब एसडीएम के रूप में पदस्थ नहीं होगा तो उसके पास किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने, लाठीचार्ज करने, सेक्शन 144 लागू करने का पावर नहीं होता.
SDM के पास किसी भी व्यक्ति को CrPC 1973 के सेक्शन 44 के तहत गिरफ्तार करने का पावर होता है. इनके पास मजिस्ट्रेट और ज्यूडिशियरी पावर भी है.
SDM क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) के अनुसार काम करते हैं. यह CrPC 1973 के सेक्शन 20 के सब सेक्शन 4 के मुताबिक अपने पावर का इस्तेमाल करता है.
डिप्टी कलेक्टर को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) या सब डिविजनल ऑफिसर (SDO) के रूप में पोस्टिंग की जाती है, तब वह मिनी कलेक्टर के रूप में कार्य करते हैं.
एसडीएम के रूप में पदस्थ रहते हुए वह अपने कार्यक्षेत्र में कलेक्टर के अधिकार का इस्तेमाल करता है.
एसडीएम मूल रूप से डिप्टी कलेक्टर रैंक का ऑफिसर होता है. वह एसडीएम के अलावा जिला आपूर्ति अधिकारी, अतिक्रमण, जीएडी और इलेक्शन समेत किसी विभाग में समकक्ष पद पर तैनात रहता है.