उन्नाव जिले के आम अब 'उन्नाव आम' के नाम से जाने जाएंगे. यहां दशहरी, लंगड़ा और चौसा आम प्रमुख हैं.
सालाना 6.60 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है. 'उन्नाव आम' को मलिहाबाद की तरह प्रमोट करने की तैयारी है.
निर्यातकों से संपर्क किया जा रहा है. जब आम की बिक्री बढ़ेगी तो इसे नए तरीके से आगे ज्यादा भी प्रमोट किया जाएगा.
उन्नाव के सफीपुर, बांगरमऊ और हसनगंज में बड़े पैमाने पर आम की पैदावार होती है. एक आकलन के अनुसार यहां सालाना 6.60 लाख मीट्रिक टन आम उपजता है.
उन्नाव के किसानों का निर्यातकों से बहुत ज्यादा संपर्क नहीं था. दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के व्यापारी उन्नाव से आम खरीदकर ले जाते थे.
आम की गुणवत्ता के हिसाब से ग्रेडिंग करवाने के लिए मियांगंज मंडी में एक मशीन लगवाई जाएगी. ये मशीन मियांगंज और सफीपुर मंडियों के बीच मोबाइल रहेगी.
इससे किसानों को सीधा फायदा होगा. पैकेजिंग के लिए किसानों को गनी बैग बोरियां उपलब्ध कराएंगे. देखना है कि उन्नाव आम ब्रैंड कितना सफल होता है.
उन्नाव में 20 हजार किसान आम की खेती करते हैं. आम उत्पादन के लिए अनुमानित क्षेत्रफल करीब 35 हजार हेक्टेयर है.
मियांगंज के मवई ब्रह्मनान में निर्माणाधीन मंडी को फल मंडी के तौर पर विकसित किया जाएगा. तीन साल पहले एक जिला एक उत्पादन (ओडीओपी) में उन्नाव से आम को शामिल किया गया था.