हर युवा को पढ़नी चाहिए ये 9 किताब जीवन को जीने का सलीका आ जाएगा

Oct 16, 2023

रागदरबारी

1970 में प्रकाशित यह पुस्तक उतना ही जितना पुराना हो रहा है. उतना ही प्रासंगिक होते जा रहा हैं. यह किताब आजाद भारत के गांव देहात की कुव्यवस्था पर एक कटाक्ष है.

आषाढ़ का एक दिन

मोहन राकेश के द्वारा लिखी यह नाटक वर्तमान भारत की परिस्थितियों व हालात को जोड़कर लिखा गया है.

पाकिस्तान मेल

इस किताब में 1947 के विभाजन के बाद जो सीमा के तटवर्ती गांव थे. उनकी हालातों पर लिखी यह पुस्तक उतनी ही प्रासंगिक हैं.

लिखी लज्जा

इस किताब में बांग्लादेश के लोग हालात पर लिखा गया था. जब भारत में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था, तो उसका क्या प्रभाव वहा के लोगों पर पड़ा था.

सत्य के साथ प्रयोग

गांधी जी ने यह आत्मकथा अपनी जेल यात्रा के दौरान लिखी थी. इसमें वह अफ्रीका के अपने अनुभव और मोहनदास से गांधी बनने के पिछे के संघर्ष को बहुत अच्छे से लिखा है.

पिंजरा

यह किताब पूरी तरह से विभाजन पर लिखी गई. इसका ओरीजन कॉपी पंजाबी में हैं. जबकि इसे हिंदी में खुशवंत सिंह ने अनुवाद किया था.

औघड़

नीलोत्पल मृणाल द्वारा लिखी यह पुस्तक आज के स्वर्ण जाति का गाव में प्रभुत्व पर एक टिप्पणी है कि कैसे आज भी आजादी के इतने वर्ष के बाद दलित उत्थान की बातें सिर्फ सरकारी कागजों और नेताओं के भाषणों तक ही सीमित रह गया है.

गुनाहों का देवता

धर्मवीर भारती के सर्वश्रेष्ठ लेखनों में से एक है गुनाहों का देवता इस पूरे कहानी में चंदर और सुधा दो पात्र के ही आस पास पूरी कहानी है. चंदर का एकतरफा मोहब्बत अपनी अंजाम तक नहीं पहुंच पाया और वह खुद को एक संवेदशील गुनाह का अभियुक्त मान लेता है.

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