वाराणसी गंगा किनारे होने वाली आरती दुनिया भर में फेमस है. काशी की गंगा आरती देखने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी पर्यटक वाराणसी पहुंचते हैं. वाराणसी के अलावा भी कई शहर हैं जहां गंगा आरती फेमस है. इन शहरों की गंगा आरती देखकर नए साल की शुरुआत कर सकते हैं.
वाराणसी को भगवान शिव के सबसे प्रिय शहरों में से एक माना जाता है. यहां लोग मन की शांति और मोक्ष की तलाश में आते है.
वाराणसी की गंगा आरती भी सबसे मशहूर धार्मिक आयोजन में से एक है. यहां आरती की शुरुआत शंख के साथ की जाती है. काशी विश्वनाथ मंदिर के पास दशाश्वमेध घाट पर सूर्यास्त के बाद होती है आरती.
तीर्थराज प्रयागराज तीन पवित्र नदियों के बीच बसा है. यही पर गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है. यहां पर डुबकी लगाने के लिए भी पूरे देश से लोग आते हैं.
प्रयागराज की गंगा आरती भी अपने आप में खास है. यहां पर गंगा आरती से पहले साफ सफाई की जाती है. शाम को सूर्यास्त के समय आरती की जाती है.
हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में ब्रजघाट पर गंगा आरती होती है. यहां की आरती काशी और हरिद्वार की तरह होती है. आरती के दौरान वाद्य यंत्रों की धुन गूंजती है और दीपों से नज़ारा बहुत भव्य होता.
यहां मां गंगा की आरती पुजारियों की टीम के द्वारा वाद्य यंत्रों पर की जाती है. घण्टे, घड़ियाल और अन्य यंत्रों की मधुर धुन पूरे ब्रजघाट पर गूंजती है.
बता दें कि गंगा नदी उत्तर प्रदेश के 28 जिलों से होकर बहती है. गंगा उत्तर प्रदेश में बिजनौर से प्रवेश कर लगभग 1140 किलोमीटर बहती हैं.
गंगा नदी का उद्गम ही उत्तराखंड से हुआ है. इसलिए इन जगहों पर गंगा आरती देखने का अपना अलग ही आनंद है. ऋषिकेश की गंगा आरती भारतवर्ष में मशहूर है.
हरिद्वार में गंगा आरती हरकी पौड़ी में होती है. इस घाट का मतलब है भगवान का पैर. इस घाट पर होने वाली आरती को देखकर आप हैरान रह जाएंगे.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. इन तस्वीरों का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.