छत्तीसगड़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर में हनुमान जी का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां उनकी पूजा नारी स्वरूप में की जाती है.
मान्यता के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण महाराज पृथ्वी देवजू ने कराया था.
मान्यता के मुताबिक हुनमान जी ने महाराज पृथ्वी देवजू के सपने में आकर इस मंदिर का निर्माण कराने के लिए कहा था.
महाराज पृथ्वी एक बीमारी से ग्रसित थे, जिसका इलाज उन्होंने कई वैद्यों से कराया लेकिन ठीक नहीं हो पाए.
इसके बाद किसी व्यक्ति ने उन्हें बजरंग बली की आराधना करने के लिए कहा और राजा ने वैसा ही किया.
राजा की पूजा से खुश होकर बजरंगबली ने उन्हें एक मंदिर और सरोवर बनवाने के लिए कहा.
वरदान दिया कि सरोवर में स्नान करने से उनकी बीमारी ठीक हो जाएगी और वैसा ही हुआ.
इसके बाद बजरंग बली ने दोबारा सपने में आकर सरोवर में स्थित मूर्ति की स्थापना कराने के लिए कहा.
राजा पृथ्वी ने जब सरोवर में तलाश तब उसमें हनुमान जी की नारी रूप में प्रतिमा निकली.
इसके बाद मंदिर में बजरंगबली की नारी स्वरूप प्रतिमा की स्थापना की गई.