किन्नरों के जीवन-शैली व अंतिम संस्कार की विधि और प्रथाएं अलग होती हैं. (Kinnar blessings Tips)
माना जाता है कि किन्नरों की मृत्यु के बाद उनकी शव यात्रा रात में ही निकाली जाती है.
ज्यादातर बार किन्नर के शव को जलाने के बजाय सफेद कपड़ों में लपेटकर दफनाया जाता है.
मृतक की आत्मा हर बंधन से मुक्त रहे और स्वतंत्र महसूस करे, इसके लिए पूरे विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार किया जाता है..
अंतिम संस्कार की विधि भले ही आम लोगों से अलग हो लेकिन पूरे विधि विधान से किया जाता है.
इस तरह के रिवाजों को पूरे करने के लिए किन्नर वर्ग देर रात में ही शव यात्रा निकालता हैं.
किन्नर वर्ग के लोग शव को पहले जूते और चप्पलों से पीटते हैं ताकि दिवंगत किन्नर को अगली बार किन्नर का जन्म न मिले.
शव के पास खड़े होकर, सभी किन्नर अपने देवता को धन्यवाद करते हैं और दान-पुण्य भी करते हैं.
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और माध्यमों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को मानने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह ले लें. ये सभी एआई से निकाले गए हैं, इन्हें वास्तिक चित्र न माना जाए. यह एक अनुमान है