हिंदू धर्म में श्री रामचरित मानस का जो महत्व है वो शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है. हर घर में रामचरित मानस एक महत्व रखती है.
श्रीरामचरित मानस को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर पहुंचाने के लिए एक आईएएस अधिकारी ने कोशिश की है. इस प्रयास के बाद उनकी तारीफ हो रही है.
2003 बैच की आईएएस अधिकारी और वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस ने श्रीरामचरित मानस का अंग्रेजी में अनुवाद कराया है.
रामचरित मानस में सात सोपान हैं. मिनिस्ती एस ने फिलहाल अभी तक चार सोपान का अंग्रेज़ी अनुवाद कराया है. जिसमें लंका कांड, सुंदरकांड, अरण्यकांड और किष्किंधा कांड शामिल हैं.
श्रीरामचरित मानस का इंग्लिश अनुवाद लोगों को बहुत पसंद आ रहा है. लोग इसे लेकर इतने उत्साहित हैं कि बाजार में इन किताबों की संख्या कम हो गई है. इसकी बढ़ती डिमांड के चलते दोबारा प्रिंटिंग के लिए ऑर्डर भी दे दिया है.
ये सवाल तो मन में जरूर उठता होगा कि श्रीरामचरित मानस का अनुवाद करने की प्रेरणा आईएएस अधिकारी मिनिस्ती एस को कहां से मिली.
इस बारे में उनका कहना है कि वह केरल की रहने वाली हैं. उनकी मातृभाषा मलयालम है. पढ़ाई भी मलयालम भाषा में ही हुई है. केरल में रामायण का बहुत महत्व है. बचपन से ही उन्होंने भी इसे पढ़ा.
मिनिस्ती एस ने बताया कि जब इन्होंने देखा कि उनकी मां अवधी में रामायण को ठीक से समझ नहीं पाती तो सोचा कि जब उनकी मां को अवधी में दिक्कत आ रही है तो इसी तरह भारत देश की अलग-अलग भाषाओं को समझने वाले लोगों को भी दिक्कत होती होगी. इसीलिए उन्होंने अंग्रेजी में इसका अनुवाद कराने का सोचा
मिनिस्ती एस हनुमान भक्त हैं. शायद इसीलिए इन्होंने सबसे पहले सुंदरकांड का अंग्रेज़ी अनुवाद किया. इसका अनुवाद 2016 में शुरू कराया था. साल 2017 में बुक पब्लिश हो गई थी. 50 दिन में किताब का काम पूरा हुआ था.
इसके दो साल बाद इन्होंने किष्किंधा कांड के बाद कोविड-19 में अरण्यकाण्ड और अभी 2 महीने पहले लंका कांड का इंग्लिश ट्रांसलेशन कराया है. इस समय अब बालकांड पर काम कर रही हैं.
उनके मुताबिक बालकांड को दो भागों में अनुवाद के जरिए पेश किया जाएगा. वह कहती हैं कि यूं तो इन्हें शुरुआत बालकांड से करनी थी लेकिन जैसा भगवान से चाहा वैसे वैसे अलग अलग भागों का अनुवाद होता गया.