आज जगजीत सिंह का 82वां जन्मदिन है. उन्होंने राजस्थान के खालसा हाई स्कूल और गवर्नमेंट कॉलेज और हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ाई की.
गजलों का शौक रखने वाले गजल सम्राट जगजीत सिंह को हमेशा याद रखते हैं. उनकी आवाज में ऐसा जादू है कि गजलें सुन आंखें नम हो जाए.
जगजीत सिंह की कम उम्र में ही गायन में रुचि थी. उन्हें पंडित छगनलाल शर्मा और उस्ताद जमाल खान द्वारा प्रशिक्षित किया गया, जिसमें हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन ख्याल, ध्रुपद, ठुमरी प्रमुख हैं.
जगजीत सिंह ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत जालंधर में ऑल इंडिया रेडियो से की, जहां उन्होंने गाने गाए और असाइनमेंट तैयार किए. उन्हें 1966 में फिल्म बहुरूपी के साथ प्ले बैक सिंगर का ब्रेक मिला.
साल 2003 में जगजीत सिंह के भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण दिया गया. वहीं, राजस्थान सरकार ने साल 2012 में उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, राजस्थान रत्न से सम्मानित किया.
जगजीत सिंह का 10 अक्टूबर, 2011 को 70 वर्ष की आयु में ब्रेन हैमरेज से पीड़ित होने के बाद निधन हो गया.