बारिश के मौसम में मछली खाने के है कई नुकसान
बारिश के मौसम में तालाबों या नदियों का पानी बहुत दूषित और गंदा होता है क्योंकि इसमें सड़कों और नालों का पानी बहकर जाता है.
गंदे पानी वाली मछली का सेवन अगर इस मौसम में करें तो पेट से जुड़ी कई छोटी बड़ी बीमारियां होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है.
मछलियां बारिश के मौसम में ब्रीड करती हैं, मतलब ये कि मछलियां इस मौसम में प्रजनन करती है.
ब्रीडिंग सीजन की ऐसी मछली के सेवन से फूड प्वॉइजनिंग होने का डर बढ़ जाता है और कई बीमारियां भी फैल सकती हैं.
मानसून में लोगों को एलर्जी की बहुत शिकायत होती है, ऐसे में सी-फूड्स से भी एलर्जी का डर बना रहता है.
मानसून के मौसम में कई लोगों को पित्ती, खुजली, पेट दर्द या फिर सूजन जैसी परेशानी होती है, ऐसे समय में मछलियों से तौबा कर लेना चाहिए.
बारिश के मौसम में सी-फूड विशेषकर मछलिओं में मर्करी लेवल बढ़ा रहता है. इससे न्यूरोलॉजिकल जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है.
मछलिओं में मर्करी लेवल बढ़ने वाली स्थिति में कई मछली न खाएं, खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं व छोटे बच्चों को न्यूरोलॉजिकल जैसी समस्या अधिक हो सकती है.
मरकरी पॉइजनिंग के अलावा भी कई ऐसे प्रदूषण हैं जो बारिश के मौसम में बढ़े रहते हैं और बीमारियों को बुलावा दे सकते हैं.
सी-फूड पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल (PCB) से भी दूषित हो सकता है और यह मछली के टिशूस में जमा भी हो सकता है जो इंसानों के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है.
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