आषाढ़ मास का पहला चतुर्थी व्रत आज रखा जाएगा. इसे कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत के नाम से भी जाना जाता है.
संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है. इस दिन कुछ उपाय करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं.
इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लें और गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें.
श्री गणेश को गेंदे का फूल, मोदक और गुड़ का नैवेद्य चढ़ाएं. इस उपाय को करने से हर कार्य में सिद्धि मिलती है.
संकष्टी चतुर्थी के दिन श्री गणेश का सिंदूर से तिलक कर उनकी पूजन करें. इस उपाय से जीवन में सौभाग्य बना रहता है.
इस दिन गणेश स्तोत्र का पाठ करें. इससे धन-संपत्ति और वैभव में बढ़ोतरी होती है.
इस दिन गजानन को 17 बार दूर्वा अर्पित करें और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें. इस उपाय से जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं.
पूजा के दौरान गणपति को शमी के पत्ते अर्पित करें. मान्यता है कि इस उपाय से बुद्धि तेज होती है. साथ ही तनाव और मानिसक कष्ट दूर हो जाता है.
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और दान दें. इससे घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
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