राजगीर ग्लास ब्रिज

बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर काफी अच्छा टूरिस्ट प्लेस माना जाता है. इसका मुख्य कारण है यहां मौजूद हिंदू, बौद्ध व जैन धर्म से जुड़े धार्मिक स्थल.. आम पर्यटकों के लिए यह मार्च 2021 से शुरू कर दिया गया है. इसकी लंबाई 25.9 मीटर और चौड़ाई 6 फीट और ऊंचाई 61 मीटर है.

केदारनाथ का ग्लास ब्रिज

केदारनाथ ग्लास ब्रिज, एक प्रस्तावित परियोजना है, जिसका निर्माण रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी नदी के ऊपर होना है. यह रामबाड़ा और केदारनाथ श्राइन को जोड़ने का काम करेगा. इसकी लम्बाई तकरीबन 80-100 मीटर तक होगी. नदी से इसकी ऊंचाई 60-65 मीटर होगी.

ऋषिकेश का ग्लास ब्रिज

ऋषिकेश ग्लास ब्रिज का निर्माण उत्तराखंड के ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला के पास में किया जा रहा है. यह देश का संस्पेंशन ब्रिज होगा, जिस पर लाइट व्हीकल (जैसे कार या बाइक) ले जाने की अनुमति रहेगी. इसकी लंबाई लगभग 132.2 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर होगी.

पेलिंग ग्लास ब्रिज

सिक्किम के पेल्लिंग में स्थित यह स्काईवॉक भारत का प्रथम ग्लास स्काईवॉक है, जिसे आम पर्यटकों के लिए साल 2018 में खोला गया था. यह ब्रिज पेलिंग शहर से 3 किमी. दूर स्थित प्रसिद्ध चोनरेजिंग की मूर्ति के पास बना हुआ है. इस ग्लास ब्रिज को अमेरिका के ग्रेंड केन्यन के स्काईवॉक के तर्ज पर बनाया गया है.

काकीनाडा का ग्लास ब्रिज

काकीनाडा ग्लास ब्रिज, आंध्र प्रदेश में स्थित देश का पहला ग्लास ब्रिज है, जिसका निर्माण अगस्त 2018 में किया गया था. इसे बनने में करीब 7 महीने का समय लगा था. यह 45 मीटर लंबा, 8 मीटर ऊंचा और 2 मीटर चौड़ा है. इसे बनाने में करीब 2.5 करोड़ रुपये की लागत आई थी.

वायनाड ग्लास ब्रिज

केरल के वायनाड में बना इस ग्लास ब्रिज की ऊंचाई 100 फीट है, जहां का वायनाड के सुंदर प्राकृतिक नजारों का दीदार किया जा सकता है. यह ब्रिज पहाड़ों की सुंदरता को निहारने के लिए बनाया गया है, जिस पर जाने के लिए महज आधे घंटे की अनुमति मिलाएगा.

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