योगी सरकार ने 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं के बिछड़ने की घटनाओं को रोकने के लिए खास इंतजाम किए हैं.
मेले में आने वाले हर श्रद्धालु को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक से लैस रिस्टबैंड दिया जाएगा, जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी.
RFID तकनीक व्यक्ति के आने-जाने के समय और उसकी गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम होगी. यह तकनीक रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करती है.
हर रिस्टबैंड में एक यूनिक फ्रीक्वेंसी होगी, जो यह बताएगी कि व्यक्ति किस स्थान पर है और कहां-कहां गया है.
अगर कोई व्यक्ति, बच्चा या बुजुर्ग अपने परिवार से बिछड़ जाता है, तो पुलिस कंट्रोल रूम RFID की मदद से उसे तुरंत ढूंढा जा सकेगा.
RFID एक प्रकार की वायरलेस तकनीक है, जो वस्तुओं, व्यक्तियों की पहचान करने के लिए उपयोग में लाई जाती है. इस तकनीक से लैस रिस्ट बैंड से श्रद्धालुओं की ट्रैकिंग की जा सकेगी.
देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र बनाया जा रहा है, जो अलग-अलग भाषाओं में सहायता प्रदान करेगा.
महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं और सैलानियों के आने की संभावना है. ऐसे में भीड़ की वजह से अक्सर लोग बिछुड़ जाते हैं इसलिए प्रशासन आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है.
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