नेहरू के बचपन की वो तस्वीरें जो शायद ही आपने देखी होंगी

Amrish Kumar Trivedi
Nov 13, 2024

नेहरू का बचपन Nehru Childhood

नेहरू की यह फोटो बचपन में यज्ञोपवीत संस्कार के बाद की बताई जाती है.

नेहरू की पत्नी कमला नेहरू

पुरानी दिल्ली के कश्मीरी पंडित के घर उनका जन्म हुआ. 16 साल की उम्र में पंडित नेहरू से विवाह हुआ. लेकिन टीबी से महज 37 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई.

नेहरू की मां

नेहरू की मां स्वरूप रानी थीं,वो भी एक कश्मीरी पंडित थीं और उनका जन्म लाहौर में हुआ था. 14 नवंबर 1889 को उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को जन्म दिया.

कमला नेहरू

नेहरू का 16 साल की उम्र में कमला नेहरू विवाह हुआ. कमला कौल भी पुरानी दिल्ली के प्रतिष्ठित कश्मीरी पंडित के परिवार से थीं.

नेहरू नाम कैसे पड़ा

नेहरू के पूर्वजों की बात करें तो राज कौल का नाम आता है, वो संस्कृत और ईरानी भाषा के विद्वान थे. उनका घर नेहर नाम की नहर के पास था,जिससे नेहरू सरनेम परिवार को मिला.

मोतीलाल नेहरू भी बैरिस्टर

जवाहर लाल नेहरू की मां का नाम स्वरूप रानी था, जो मोतीलाल नेहरू की दूसरी पत्नी थीं. मोतीलाल नेहरू भी देश के प्रख्यात बैरिस्टर थे.

दोनों बहनें भी विद्वान

उनकी एक बहन विजय लक्ष्मी पंडित थीं, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष पर भी कार्यरत रहीं. जबकि उनकी छोटी बहन कृष्णा हथीसिंह मशहूर लेखिका थीं.

नेहरू की बहनें

नेहरू की बहन कृष्णा ने अपने भाई के जीवन पर कई पुस्तकें लिखीं. नेहरू का 16 साल की उम्र में कमला नेहरू विवाह हुआ. कमला कौल भी पुरानी दिल्ली के प्रतिष्ठित कश्मीरी पंडित के परिवार से थीं.

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से डिग्री

शुरुआती शिक्षा घर पर करने के बाद 1910 में डिग्री की पढ़ाई करने नेहरू लंदन चले गए. जहां कैंब्रिज के मशहूर ट्रिनिटी कॉलेज से पढ़ाई की.

लंदन से उच्च शिक्षा Nehru Study

नेहरू ने लंदन से ही लॉ की पढ़ाई की और बैरिस्टर बन गए. लेकिन आजादी को लेकर भारत में मची उथल-पुथल के बीच उनका मन विदेश में नहीं लगा.

देश में बड़े सुधार किए

नेहरू ने 1950 में ही हिन्दुओं के लिए पर्सनल लॉ का प्रयास किया. हिंदू कोड बिल के तहत बहुविवाह खत्म कर दिया. हिन्दुओं के गुजारा भत्ता, तलाग और गोद लेने, उत्तराधिकार जैसे जटिल मुद्दों को हल किया. पंचवर्षीय योजना शुरू की.

18 साल रहे पीएम

नेहरू 18 सालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे. 15 अगस्त 1947 को आजादी के वक्त ट्रिस्ट विद डेस्टिनी नाम से उनका पहला ऐतिहासिक भाषण यादगार है.

1962 युद्ध का सदमा

1962 के भारत चीन युद्ध के बाद नेहरू की सेहत गिरने लगी. वो 1963 में स्वास्थ्य लाभ के लिए देहरादून चले गए. और 26 मई 1964 को दिल्ली लौटे, लेकिन अगले दिन ही उनकी मृत्यु हो गई.

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