नहीं रहे पेपरफ्राई के सह-संस्थापक

कार्डियक अरेस्ट की चपेट में आए पेपरफ्राई के सह-संस्थापक अंबरीश मूर्ति. 51 साल की उम्र में सोमवार बीती रात को लेह में तोड़ा दम.

Zee News Desk
Aug 08, 2023

बाइकिंग और ट्रैकिंग का था शौक

अंबरीश मूर्ति का जन्म 10 सितंबर 1971 को हुआ था. उन्हें बाइकिंग और ट्रैकिंग पसंद थी. छुट्टियों में वो अकसर बाइक से लद्दाख जाते थे.

कैसे हुई थी शुरुआत

अंबरीश मूर्ति पास FMCG, वित्तीय सेवाओं और इंटरनेट उद्योगों में 27 साल का अनुभव था. मूर्ति ने अपने करियर की शुरुआत कैडबरी के सेल्स और मार्केटिंग डिवीजन में की थी.

ईबे से पहले चलाई थी परामर्श फर्म

अंबरीश मूर्ति की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार मूर्ति ने ईबे में भारत के कंट्री मैनेजर के रूप में शामिल होने से पहले 2003-05 तक बैंगलोर में एक वित्तीय प्रशिक्षण और व्यवसाय परामर्श फर्म चलाया था.

Pepperfry क्या है

Pepperfry देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन फर्नीचर स्टोर है. यहां आपको ब्रांडेड कम्पनियों के फर्नीचर देखने को मिलता है. Pepperfry की पहुंच देश के 500 से ज्यादा शहरों में है.

कैसे हुई थी पेपरफ्राई की शुरुआत

2011 में अंबरिश मूर्ति और आशीष शाह, निरेन शाह के नरीमन पॉंइंट के ऑफिस में दोपहर के भोजन के दौरान मिले थे. इसी के बीच पेपेरफ्राई के आईडिया पर सभी की सहमति से कंपनी की शुरुआत हुई थी.

इस साल पेपरफ्राई के 12 साल हुए पूरे

अंबरिश मूर्ति ने 2011 में आशीष शाह के साथ ओमनीचैनल फर्नीचर और होम डेकोर कंपनी पेपरफ्राई की स्थापना की थी और इस साल पेपेरफ्राई को 12 साल पूरे हो चुके हैं.

कहां तक पढ़े थे अंबरीश मूर्ति

वह आईआईटी कलकत्ता 1996 बैच के पूर्व छात्र थे. उन्होंने 1994 में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी.

25 लोगों से की थी शुरुआत

मूर्ति की यह कंपनी 1000 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी बन चुकी है. इस कंपनी की शुरुआत 25 लोगों से हुई अब वहां 500 लोग काम करते हैं. आज कंपनी के पास 400 ट्रक है.

अंबरीश की आखिरी वीडियो

दो दिन पहले अंबरीश मूर्ति ने इंस्टाग्राम पर अपना आखिरी वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में वो मनाली-लेह हाईवे पर बाइक को पार्क कर सफर में आई परेशानी के बारे में बता रहे थे.

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