Pitru Paksha 2023 : पितृपक्ष यानी श्राद्ध का पखवाड़ा खत्म होने वाला है. लोग पितरों को खुश करने के लिए तर्पण कर रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान राम ने राजा दशरथ का श्राद्ध कहां किया था?.
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, गुरु वशिष्ठ के आदेश पर पिता दशरथ और अन्य पितरों की मोक्ष कामना से गया जाते समय भगवान राम ने यूपी के मीरजापुर भी गए.
यहां विंध्याचल धाम से करीब 2 से 3 किलोमीटर दूर स्थित शिवपुर गांव में कर्णावती नदी संगम पर ( गंगा घाट) पर श्राद्ध किया था.
यही वजह है कि इस घाट को राम गया घाट और छोटा गया भी कहते हैं.
मान्यता है कि यहां पितरों का श्राद्ध करने से पुण्य फल मिलता है. यह पितरों के मोक्ष की कामनास्थली मानी जाती है.
मान्यता है कि लोग पितरों के श्राद्ध के लिए गया जाने से पहले यहां भी पिंडदान करते हैं.
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, भगवान राम ने गुरु वशिष्ठ की सलाह पर पिता राजा दशरथ के पिंडदान के लिए अयोध्या से प्रस्थान कर पहला पिंडदान सरयू, दूसरा पिंडदान प्रयाग के भरद्वाज आश्रम, तीसरा मीरजापुर के राम गया घाट, चौथा पिंडदान काशी के पिशाचमोचन को पार कर गया में किया था.
मीरजापुर के राम गया घाट पर श्राद्ध करने के बाद भगवान श्रीराम ने यहां पर शिवलिंग भी स्थापित किया. इसे रामेश्वरम महादेव के नाम से जाना जाता है.
यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.