मेष संक्रांति

सूर्य के मीन राशि छोड़कर मेष राशि में आने के दिन को मेष संक्रांति के नाम से जाना जाता है.

Pranjali Mishra
Apr 13, 2023

सतुआ संक्रांति

उत्तर और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में इसे सत्तू संक्रांति या सतुआ संक्रांति के नाम से जानते हैं.

खरमास का समापन

इस दिन भगवान सूर्य उत्तरायण की आधी परिक्रमा पूरी कर लेते हैं. इसके साथ ही खरमास का समापन हो जाता है.

हर साल बैसाख माह के कृष्ण पक्ष की नवमी को सतुआन का त्योहार मनाया जाता है.

14 अप्रैल को सतुआन

इस बार मेष संक्रांति 14 अप्रैल को पड़ रही है. इसलिए सतुआन 14 अप्रैल को मनाया जाएगा.

क्यों खाते हैं सत्तू

इस पर्व को लोग सत्तू खाकर मनाते हैं. दरअसल, यह आम के नए फल, खेतों में चने और जौ की नई फसल के स्वागत का उत्सव है.

नई फसलों के लिए सूर्य का आभार

इस दिन नई फसलों के लिए सूर्य का आभार प्रकट करने के बाद आम के नए फल के साथ सत्तू खाया जाता है.

ग्रीष्म ऋतु का आगमन

इस दिन सूर्य राशि परिवर्तित करते हैं. इसके साथ ही इस दिन से ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो जाता है.

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