रुद्राभिषेक से महापाप भी जलकर भस्म हो जाता है.
जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से वर्षा का योग बनता है.
असाध्य रोगों को दूर करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक किया जाता है.
भवन-वाहन की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए दही से रुद्राभिषेक किया जाता है.
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए रुद्राभिषेक गन्ने के रस से करने के बारे में बताया गया है.
धन वृद्धि के लिए शहद और घी से महादेव का अभिषेक किया जाता है.
तीर्थ के जल से यदि महादेव का अभिषेक किया जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इत्र मिले जल से महादेव का अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है.
संतान प्राप्ति के लिए महादेव का अभिषेक दुग्ध से और मृत संतान होने पर गोदुग्ध से रुद्राभिषेक किया जाता है ताकि जल्द ही स्वस्थ संतान हो सके.
सहस्रनाम मंत्रों का जाप कर घृत की धारा से महादेव का रुद्राभिषेक करने से वंश बढ़ता है.
शक्कर मिले दूध से महादेव का अभिषेक करने से जड़बुद्धि विद्वान बनता है.
सरसों के तेल से महादेव का अभिषेक करने से शत्रु की हार होती है.
गोदुग्ध से व शुद्ध घी महादेव का अभिषेक करें तो आरोग्यता प्राप्त किया जा सकता है.