शनिदेव के दिव्य मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जप करने से प्राणी भयमुक्त रहता है.
मीन राशि के जातकों को स्वास्थ्य के नजरिए से सावधानी बरतनी चाहिए. नौकरीपेशा जातकों के लिए आने वाले कुछ दिन तनाव भरे रह सकते हैं.
वृश्चिक राशि के जातकों को करियर और कारोबार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.अगर आप किसी के साथ प्रेम-संबंध में हैं तो सावधानी बरतें.
शनिदेव के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से कन्या राशि वालों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होगी. आपके खर्चे कई गुना बढ़ सकते हैं.
शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं. ऐसे में शनि का शतभिषआ नक्षत्र में रहना कुछ राशि वालों के लिए अशुभ हो सकते हैं.
17 अक्टूबर तक शनि के शतभिषा नक्षत्र में रहने के कारण शनि-राहु की युति से अशुभ योग बना हुआ है.