संत महात्मा के नाम के आगे क्यों लिखते हैं 108 या 1008, छिपा है रोचक रहस्य

Sumit Tiwari
Mar 30, 2024

1008 लिखा

आपने अक्सर महान संतो के नाम क आगे 1008 या 108 लिखा देखा होगा.

क्यों लिखा जाता है

पर क्या आप जानने है कि इसका मतलब क्या होता है, और नाम के आगे 1008 या 108 क्यों लिखा जाता है.

शंकराचार्य

चारों पीठो के शंकराचार्य के आगे भी 1008 लगता है.

उपाधि

सनातन में 1008 को पूर्ण संख्या माना गया है. विशेष तौर पर 1008 एक उपाधि होती है.

नाम के आगे

ठीक इसी प्रकार अगर किसी के नाम के आगे 108 लगा है तो ये भी उपाधि को दर्शाता है.

सनातन परंपरा

सनातन परंपरा में नाम के आगे श्री लगाना आम बात है. लेकिन अगर श्री के साथ अंक जुड़े हुए है तो वह नाम विषेश हो जाता है.

महामंडलेश्वरों

यह अंक उपाधि के तौर पर महामंडलेश्वरों अथवा बहुत बड़े आध्यात्मिक हस्तियों को ही दी जाती है.

9 अंक को पूर्णांक

संन्यास परंपरा में 9 अंक को पूर्णांक माना जाता है. इसके आधार पर 108 और 1008 दोनों का योग 9 होता है.

संतों को उपाधि

इसलिए, इस अंक को केवल उन्हीं संतों को उपाधि के तौर पर दी जाती है जिनमें पूर्णता ही, जो सनातन धर्म और वेदों का ज्ञानी हो.

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