यूपी के संभल जिले में मौजूद 1000 वर्ष से अधिक प्राचीन कल्कि मंदिर के पौराणिक इतिहास और धार्मिक मान्यता को लेकर आज भी रहस्य बना है.
कहा जाता है कि इस प्राचीन कल्कि मंदिर का निर्माण 1 हजार वर्ष पूर्व मनु महाराज ने कराया था.
नक्शे में मंदिर की आकृति भी चित्रित है, जिस पर मनु श्री कल्कि मंदिर लिखा हुआ है.
खास बात यह है कि मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली के मंदिरों की तर्ज पर किया गया है.
इस मंदिर का 300 वर्ष पूर्व इंदौर स्टेट की महारानी अहिल्या बाई होलकर ने जीर्णोद्वार भी कराया था.
महारानी अहिल्याबाई होलकर के राज्य के राज चिन्ह मंदिर के प्रवेश द्वार पर आज भी मौजूद है.
पुराणों के अनुसार मान्यता है कि कलयुग में भगवान विष्णु का दसवां अवतार श्री कल्कि भगवान के रूप में संभल में होगा.
इस मान्यता के चलते 1 हजार वर्ष पूर्व इस मंदिर की स्थापना की गई थी. मंदिर के महंत का दावा है कि देश में कल्कि भगवान का संभल में यह एक मात्र मंदिर है.
संभल क्षेत्र में खुदाई के दौरान प्राचीन अवशेष लोगों को आज भी मिलते रहते हैं, जिनसे संभल का इतिहास हजारों वर्ष प्राचीन होने की पुष्टि होती है.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.