चंपावत जिले का अबट माउंट चर्च (Abbott Mount) समुद्र तल से 6,400 फीट की ऊंचाई पर बना है. इस चर्च को भूतिया कहा जाता है इसलिए इसकी सैर लोग दिन में ही करते हैं.
यह कैथोलिक चर्च मसूरी लाइब्रेरी बस स्टेंड से बस 6 कि.मी. दूर है. यह मसूरी के कसमांदा पैलेस पर एक छोटी से पहाड़ी पर बना है जो अंग्रेजों ने 1836 ई. में बनवाया था.
यह चर्च भी मसूरी में ही स्थित है. जो लाइब्रेरी बस स्टेंड से 5 कि.मी. दूर है. इस चर्च को ऐतिहासिक इमारत के रूप में लंढौर क्षेत्र की शान कहा जाता है.
यह चर्च गढ़वाल जिले लैंसडाउन में 1936 में बनवाया गया था. यह चर्च अपनी सुंदर आंतरिक सज्जा और शांत वातावरण के लिए बहुत प्रसिद्ध है.
यह चर्च लैंसडाउन के टिप-एन-टॉप पर स्थित है जिसे एक ब्रिटिश कर्नल और शाही इंजीनियर ने 1885 ई. में बनवाया था. चर्च के आसपास का प्राकृतिक वातावरण इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है.
कोटद्वार के सरकारी अस्पताल के पास बने इस चर्च की गिनती एशिया के 10 सबसे बड़े चर्चों में होती है. इस चर्च में एक सुंदर बगीचा हैं जिसकी शांति का आनंद लेने सभी धर्मों के लोग आते हैं.
सेंट पॉल चर्च मसूरी के लाइब्रेरी बस स्टेंड से 5 कि.मी. दूर है. इस एंजलिकन चर्च का निर्माण कोलकाता के बिशप डेनियल विल्सन द्वारा 1939 में बनवाया गया था लेकिन यहां पहली प्रार्थना 1840 ई. में की गई थी.
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