यमुना एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के बाद हाइवे साथी एप से मोबाइल सीधा सर्वर से जुड़ जाएगा.
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पवन त्रिपाठी/गौतमबुद्ध नगर: यमुना एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वालों को हाइवे साथी एप डाउनलोड करना होगा. अगर मोबाइल में यह एप्लीकेशन नहीं होगा, तो यमुना एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने की इजाजत भी नहीं मिलेगी. लोग नियम का पालन करें, इसके लिए आगरा और ग्रेटर नोएडा में इंतजाम किए जाएंगे. 15 फरवरी के बाद से इसे लागू भी कर दिया जाएगा.
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APP के जरिए मिलेगी मदद
यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसों को रोकने के लिए हर जरूरी उपाय किए जा रहे हैं. यमुना प्राधिकरण इसको लेकर लगातार कमद उठा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के बाद हाइवे साथी एप से मोबाइल सीधा सर्वर से जुड़ जाएगा. इससे चालक का मोबाइल नंबर और गाड़ी का नंबर भी सर्वर से जुड़ जाएगा. अगर कोई हादसा होता है,तो इस एप के जरिये नजदीकी एंबुलेंस, अस्पताल, क्रेन, दवा की दुकान, पुलिस स्टेशन आदि की जानकारी मिल जाएगी. ऐसे में पुलिस या एक्सप्रेस -वे कर्मी तुरंत सहायता पहुंचा सकेंगे.
निगरानी के बनाए जाएंगे बूथ
अधिकारियों के मुताबिक, आगरा व ग्रेटर नोएडा में जीरो प्वॉइंट पर बूथ बनाए जाएंगे. यहां पर वाहन चालकों के मोबाइल पर इस एप को देखा जाएगा. एप डाउनलोड होने पर ही उसे एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने दिया जाएगा. बता दें, प्राधिकरण और एक्सप्रेस-वे का संचालन करने वाली कंपनी ने 2017 में इस एप को लॉन्च किया था.
घिसे-पिटे टायरों को लेकर भी जारी किए गए हैं नियम
हाल ही में, प्राधिकरण ने सुरक्षा को लेकर कई और भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत सफर करने वाले लोगों की आंखों की जांच के साथ ही उनके वाहनों के टायरों की भी जांच की जाएगी. कमजोर आई-साइट और घिसे-पिटे टायरों वाले लोग एक्सप्रेस-वे पर सफर नहीं कर पाएंगे.
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